पांच दिवसीय कन्या किशोर अभिवर्धन प्रशिक्षण शिविर का समापन

हरिद्वार। शतिकुंज में पांच दिवसीय कन्या किशोर कौशल अभिवर्धन प्रशिक्षक प्रशिक्षण शिविर का मंगलवार को समापन हो गया। इस शिविर में झारखंड के 11 और बिहार प्रांत के 13 जिलों की चयनित बहिनें शामिल हुईं। पांच दिन में कुल 24 सत्र हुए। जिसमें प्रतिभागियों को कन्या कौशल क्यों, व्यक्तित्व परिष्कार, सफल जीवन की दिशाधारा, क्या हो हमारा जीवन लक्ष्य, कर्मफल का सिद्धांत, जीवन निर्माण का विज्ञान, गायत्री और यज्ञ, परिवारिक दायित्व, सोशल मीडिया, स्व-सुरक्षा, स्वास्थ्य संरक्षण सहित कुल 24 विषयों पर व्यावहारिक व सैद्धांतिक जानकारियां दी गयी। प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करते हुए गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि नारी अब पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। उन्हें अबला नहीं कहा जा सकता। बहिनों में दोहरी जिम्मेदारी होती है। वे अपनी व्यवस्था बुद्धि से जिम्मेदारियां पूरी करती हैं। संस्था की अधिष्ठात्री शैलदीदी ने कहा कि नारियां प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। उन्हें इतिहास से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने के साथ नये समाज की संरचना करने को भी तैयार होना चाहिए। समापन सत्र को संबोधित करते हुए शांतिकुंज महिला मंडल की प्रमुख यशोदा शर्मा ने कहा कि प्रशिक्षण शिविर अपने अंदर छुपी प्रतिभा को जाग्रत करने एवं आंतरिक ऊर्जा को सुनियोजित करने की विधा का नाम है। इस अवसर पर डॉ. गायत्री शर्मा, भारती नागर, सुधा महाजन, श्यामा राठौर आदि शामिल थीं।