ईष्ट देवताओं का रूप धारण कर फिल्मी गानों पर नाचने वालों पर लगाया जाए प्रतिबंध: पंडित अधीर कौशिक
हरिद्वार। श्रीअखण्ड परशुराम अखाड़ा ने ईष्ट देवताओं का रूप धारण कर फिल्मी गानों पर नाचने वालों पर प्रतिबंध लगाने की मांग शासन प्रशान से की।जल्द ही इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई तो इसका विरोध किया जाएगा।अखाड़ा के पदाधिकारियों के माध्यम से मंदिरों में पोस्टर बैनर के माध्यम से जनजागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। सोमवार को प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान श्रीअखण्ड परशुराम अखाड़ा के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि ईष्ट देवताओं का स्वरूप धारण कर धार्मिक मंचों पर प्रदर्शन करना बहुत गलत है।वर्तमान समय में जिस प्रकार त्यौहारों पर सार्वजनिक शोभा यात्राओं जागरण एवं भजन संध्याओं में ईष्ट देव का स्वरूप धारण कर नृत्य कराया जाता है।धार्मिक भावनाओं को आहत हो रही है।युवाओं एवं बच्चों में ईष्ट देवताओं के प्रति कहीं न कहीं असम्मान की भावना उत्पन्न होती है।जो आगे चलकर कर समाज में विकृत मानसिकता को जन्म देती है। पंडित अधीर कौशिक ने समाज से भी जागरूक रहनें की अपील की है।श्रीअखण्ड परशुराम अखाड़ा के संरक्षक बाबा हठयोगी ने कहा कि ऐसी भी जानकारियां मिल रही है कि सार्वजनिक शोभा यात्राओं,जागरण और भजन संध्याओं में ईष्ट देवताओं का स्वरूप धारण कर नशे में नृत्य किया जाता है। कहा कि यदि ऐसा हो रहा है तो यह बड़े दुर्भाग्य का विषय है।आयोजकों को गंभीरता से विचार करना चाहिए।आयोजक जिस आस्था,श्रृद्धा और विश्वास से जिस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सार्वजनिक शोभा यात्राओं,जागरण एवं भजन संध्याओं का आयोजन करते है ऐसे नृत्य करने से उनका उद्देश्य कितना सफल होता होगा यह समझा जा सकता है।उन्होने कहा कि यदि ईष्ट देवाताओं का अपमान बंद नहीं किया जाता तो धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली ऐसी घटनाओं पर कानूनी कार्यवाही कराने को बाध्य होंगे।पत्रकार वार्ता में महंत स्वामी विश्वानंद पुरी,भगवाताचार्य पंडित पवनकृष्ण शास्त्री,राजवीर शर्मा,कुलदीप शर्मा,पवन त्यागी,आचार्य विष्णु शास्त्री,कुलदीप कृष्ण चौहान,ब्रजमोहन शर्मा आदि मौजूद रहे।