531वां अवतरण दिवस श्रीपंचायती उदासीन बड़ा में धूमधाम से मनाया गया
भगवान श्रीचंद्र जी ने सामाजिक समरसता के लिए कार्य किया
हरिद्वार।सोनीपत के सांसद और नपा हरिद्वार के पूर्व अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में उदासीन संप्रदाय से जुड़े हुए श्रीपंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन का महत्वपूर्ण योगदान हैं,जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता है।सतपाल ब्रह्मचारी कनखल में अखाड़े में आयोजित भगवान श्रीचंद्र जी की जयंती समारोह के अवसर पर बोल रहे थे। इस अखाड़ा की स्थापना 1825 ईस्वी बसंत पंचमी के शुभ मुहूर्त के दिन हरिद्वार हर की पैड़ी में निर्माण बाबा प्रीतम दास महाराज ने की थी।इस अखाड़ा के इष्ट और पथ प्रदर्शक और आचार्य श्रीगुरु नानक देव के जेष्ठ पुत्र श्रीचंद्र भगवान हैं।उनका 531वां अवतरण आज कनखल राजघाट स्थित श्री पंचायती उदासीन बड़ा में धूमधाम से मनाया गया।इस अवसर पर आज सुबह अखाड़ा में हवन किया गया।इसके उपरांत श्री चंद्राचार्य चौक रानीपुर में भगवान श्रीचंद्र जी के विग्रह में पूजन किया गया।इस अवसर पर अखाड़े के कोठारी महंत राघवेंद्र दास महाराज ने कहा कि भगवान श्रीचंद्र जी ने सामाजिक समरसता के लिए कार्य किया। उन्होंने समाज में व्याप्त सामाजिक विषमताओं को दूर किया।इस अवसर पर अखाड़ा के कारोबारी महंत गोविंद दास महाराज ने कहा कि उदासीन का अर्थ ब्रह्मा में आसीन यानी समाधिस्थ होना है।यह अखाड़ा सनातन धर्म की परंपराओं का पालन करता है।श्रीपंचायती उदासीन बड़ा अखाड़ा सनातनी पंचदेव पूजा का उपासक है।कारोबारी महंत सूर्यांश मुनि महाराज ने कहा कि भगवान श्रीचंद्र जी के द्वारा समाज की एकता और अखंडता के लिए जातिवाद,क्षेत्रवाद,छुआछूत के खिलाफ अलख जगाई गई थी उन्होंने सामाजिक समरसता के लिए समाज के सभी वर्गों जातियां और विभिन्न समुदाय के लोगों को एक कर उदासीन संप्रदाय में सम्मिलित किया और गांव-गांव जाकर अपना संदेश सुनाया,जिससे उनका प्रभाव अत्यंत बढ़ गया।मुकामी महंत दामोदर शरण दास महाराज ने कहा कि उदासीन आचार्य जगतगुरु श्रीचंद्र जी महाराज लुप्तप्राय उदासीन संप्रदाय के पुनः प्रवर्तक आचार्य है।उदासीन गुरुपरंपरा में उनका 165वाँ स्थान हैं।उनके गुरु पूज्य अविनाशमुनि उदासीन थे।उनकी आविर्भावतिथि संवत 1551 भाद्रपद शुक्ला नवमी तथा निर्वाण तिथि संवत् 1700 श्रावण शुक्ला पंचमी है।महामंडलेश्वर हरि चेतनानंद महाराज ने कहा कि श्री पंचायती उदासीन बड़ा अखाड़ा भगवान श्रीचंद्रजी के विचारों का प्रचार प्रसार के साथ साथ सनातन धर्म की प्रतिपादित पंचदेव पूजा का भी अनुसरण करता है,उसका प्रचार करता है।धार्मिक मान्यताओं और आध्यात्मिक विचारों को जन-जन तक पहुंचाने व अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वाह भी करता है।इस अवसर पर अखाड़ा के महंत हनुमान दास कारोबारी,महंत भक्त रामदास,महंत मंगल दास,महंत दामोदर शरण,महंत जयेंद्र मुनि,महंत निरंजन दास,महंत प्रेमदास,महंत सेवा दास,महंत विष्णु दास,महंत केवल्यानंद,महंत मुरलीदास,अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पंचायती श्रीमहानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव महंत रवींद्र पुरी,पंचायती श्रीनिरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत रामरतन गिरी,श्रीपंचायती निर्मल अखाड़ा के कोठारी महंत जसविंदर सिंह शास्त्री ,श्रीनिर्मल संतपुरा के अध्यक्ष संत जगजीत सिंह शास्त्री महाराज,विधायक आदेश चौहान,पूर्व विधायक संजय गुप्ता,पतंजलि मेगा फूड पार्क के सीएमडी राम भरत,अखिलेश शिवपुरी ,समाजसेवी जगदीश लाल पाहवा,भाजपा नेता प्रमोद कुमार शर्मा,संदीप गोयल,कनखल व्यापार मंडल के अध्यक्ष भगवत शरण अग्रवाल आदि उपस्थित थे।