ग्रामोत्थान परियोजना ने खुशी स्वयं सहायता समूह को बनाया लखपति
फूलों की खेती से खुली समृद्धि की राह
हरिद्वार। मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती आकांक्षा कोण्डे के निर्देशन में जनपद के समस्त विकासखंडों में अल्ट्रा पूवर सपोर्ट,एंटरप्राइजेज(फॉर्म-नॉन फॉर्म),सीबीओ लेवल के एंटरप्राइजेज की स्थापना की गई है।ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के सहयोग से,नारसन विकासखंड के हरचंदपुर गांव के खुशी स्वयं सहायता समूह ने फूलों की खेती(फ्लोरीकल्चर)के अपने व्यवसाय को नई पहचान और समृद्धि दिलाई है।पहले,खुशी स्वयं सहायता समूह फूलों की खेती अत्यंत सूक्ष्म स्तर पर कर रहा था।समूह की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी और वे जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं भी पूरी नहीं कर पा रहे थे। तभी एन.आर.एल.एम.की टीम उनके पास पहुँची और उन्हें समूह से जुड़ने के लाभों के बारे में बताया गया,जिसके परिणामस्वरूप श्खुशी स्वयं सहायता समूहश् का गठन हुआ। समूह गठन की तिथि 16 जनवरी, 2025 है और इसकी अध्यक्षा श्रीमती आंचल देवी हैं। समूह से जुड़ने के बाद,उन्हें ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना से न केवल आर्थिक और सामाजिक सहयोग मिला,बल्कि फ्लोरीकल्चर उत्पादन को व्यावसायिक ढंग से करने का प्रशिक्षण भी प्राप्त हुआ,जिसने उनकी सफलता की यात्रा का मार्ग प्रशस्त किया। ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना ने खुशी स्वयं सहायता समूह को ग्राम मुंडलाना में स्थापित श्री राधे कृष्णा बहुद्देश्यीय स्वायत्त सहकारिता (सी.एल.एफ.) से जोड़ा। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए,नारसन ब्लॉक द्वारा समूह के लिए 10लाख रुपये का एक विस्तृत व्यावसायिक प्लान तैयार किया गया।इस योजना के तहत,समूह को बैंक से 3लाख रुपये का ऋण दिलाया गया, साथ ही लाभार्थियों ने स्वयं 1लाख रुपये का अंशदान किया और परियोजना द्वारा 6लाख रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान की गई।आज,खुशी स्वयं सहायता समूह पूरे उत्साह के साथ अपने व्यवसाय को बढ़ा रहा है। वर्तमान में समूह ने 4,21,800का शुद्ध लाभ अर्जित किया है।खुशी स्वयं सहायता समूह की यह सफलता प्रधानमंत्री द्वारा देखे गए लखपति दीदी के सपने का एक प्रत्यक्ष प्रमाण है।यह कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो दृढ़ संकल्प और सही समर्थन से अपनी और अपने परिवार की जिंदगी बदल सकते हैं।