भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और कर्मयोग का महत्वपूर्ण स्रोत है श्रीमद् भागवत कथा-स्वामी ऋषि रामकृष्ण

हरिद्वार। खड़खड़ी स्थित निर्धन निकेतन आश्रम में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन श्रद्धालु भक्तों को आशीर्वचन प्रदान करते हुए आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषि रामकृष्ण महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और कर्मयोग का महत्वपूर्ण स्रोत है। श्रीमद् भागवत कथा भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और लीलाओं का वर्णन करती है और धर्म, कर्म और प्रेम का मार्ग दिखाती है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा सुनने से मन शुद्ध होता है और भगवान के प्रति प्रेम बढ़ता है। कथाव्यास महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से जीवन के सत्य और उद्देश्य को समझने में मदद मिलती है। कथा अच्छे कर्म करने और बुरे कर्मों से बचने की प्रेरणा देती है, जिससे जीवन सफल होता है। श्रीमद्भागवत कथा सुनने से यज्ञ के समान फल मिलता है। कथा के मुख्य यजमान नरेंद्र कपूर परिवार,ट्रस्टी विजय सिंगला,जीवन गोयल,ज्ञानचंद व फकीरचंद ने भागवत पूजन किया और कथाव्यास से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर संत प्रांश,नरेंद्र कपूर, राकेश कपूर,जीवन गोयल,विजय सिंगला,सुशील ढींगरा,राजेश शर्मा,मनोज,रजनी कुमार राजा, स्वामी राजेंद्रानंद,स्वामी रविदेव शास्त्री,महंत मोहन सिंह,महंत दुर्गादास, महंत तीरथ सिंह,स्वामी शिवम महंत, स्वामी हरिहरानंद,स्वामी दिनेश दास,स्वामी शिवानंद भारती सहित कई संत महंत और श्रद्धालु शामिल रहे।