शिक्षा मानव जीवन को आगे बढ़ाने की महत्वपूर्ण भूमिका निर्वाह करती है-ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी
हरिद्वार। शिक्षा मानव जीवन को आगे बढ़ाने की महत्वपूर्ण भूमिका निर्वाह करती है। ज्ञान,विज्ञान व अनुसंधान के विषयों को सरल व सहज शब्दों व भाषा में विद्यार्थियों के सामने प्रस्तुत किया जाए तो वह सरलता व सहजता से ज्ञान को समाहित करने में सहायक होते हैं। हिन्दी भाषा इस कार्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रही है।हिन्दी बहुत बड़े वर्ग के बीच बोले जाने वाली व लिपिबद्ध किए जाने वाली भाषा है।यह उद्गार जयराम आश्रम के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने जयराम आश्रम,हरिद्वार में हिन्दी प्रोत्साहन समिति,उत्तराखण्ड इकाई द्वारा अध्यात्मिक क्षेत्र,शिक्षा व हिन्दी भाषा को प्रोत्साहित करने की दिशा में किए जा रहे कार्यों के लिए सम्मानित किए जाने के अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हिन्दी भाषा हमारे देश का गौरव व स्वाभिमान है। हम सभी को मिलकर हिन्दी को और अधिक जनता के बीच पहुंचने की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है।समिति के प्रदेश अध्यक्ष डा.पंकज कौशिक ने कहा कि ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज जहां अध्यात्म के क्षेत्र में समाज में भारतीय संस्कृति व संस्कारों को पल्लवित करने का कार्य कर रहे हैं,वहीं वह देश की युवा व भावी पीढ़ी को भारतीय वैदिक शिक्षा ज्ञान पद्धति में संस्कारित करने का कार्य हिन्दी भाषा के माध्यम से कर रहे हैं।समिति के प्रदेश महामंत्री कुलभूषण शर्मा व कोषाध्यक्ष हेमन्त सिंह नेगी ने कहा कि जयराम आश्रम संस्थान आध्यात्मिकता के क्षेत्र के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका का निर्वाह कर रहा है।संस्थान द्वारा विभिन्न स्कूलों का संचालन किया जा रहा है जिसमें बच्चे शिक्षा ग्रहण कर प्राचीन भारतीय भारतीय ज्ञान परम्परा का अध्ययन कर भारतीय संस्कृति व संस्कारों को आत्मसात कर रहे हैं।संस्था के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज द्वारा छात्र/छात्राओं को हिन्दी भाषा के प्रति प्रोत्साहित करने की दिशा में जा कार्य किए जा रहे हैं।वह निश्चय ही आज के समय में अन्य संस्थाओं के लिए प्रेरणादायक है।