भेल के पूर्व ईडी बलवीर तलवार की पुस्तक इंफिनिट लीडरशिप का हुआ विमोचन
हरिद्वार/रुड़की।देश का प्रमुख शिक्षण संस्थान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की का प्रबंधन संकाय विभाग अपनी 25वीं वर्षगांठ मना रहा है।इसके तहत विभिन्न कार्यक्रमों की श्रृंखला का आगाज करते हुए आज विभाग के प्रथम पीएचडी स्कॉलर तथा बीएचईएल के पूर्व कार्यपालक निदेशक डॉ बलवीर तलवार की पांचवी पुस्तक इंफिनिट लीडरशिप का विमोचन किया गया। पुस्तक का विमोचन आईआईटी के डायरेक्टर प्रोफेसर के.के.पंत के कर कमलों द्वारा हुआ। इस अवसर पर वक्ताओं ने पश्चिम के विचारकों की जगह वैदिक कालीन विचारकों के मार्ग का अनुसरण करने की अपील की।पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में हरिद्वार,रुड़की और अन्य शहरों के शिक्षाविद ्,उद्योगपति शोधकर्ता,तथा गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।अपनी कॉर्पाेरेट ट्रांसफॉर्मेशन सीरीज की आखिरी पुस्तक इंफिनिट लीडरशिप पुस्तक का विमोचन आज आईआईटी के प्रबंध संकाय विभाग के सभागार में संपन्न हुआ।आईआईटी के डायरेक्टर प्रोफेसर के.के.पंत ने लेखक बलवीर तलवार को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनकी पुस्तक से युवा वर्ग बहुत प्रभावित होगा क्योंकि वैदिक प्रबंधन पर यह अति उत्तम कार्य है,जो किसी भी छात्र को लीडर बनने में सहायक होगा।उन्होंने खुश रहने को सफलता की एकमात्र कुंजी बताया।अपनी पुस्तक के बारे में बताते हुए डॉ बलवीर तलवार ने कहा कि भारतीय वैदिक परंपरा से उत्तम और कोई प्रबंधन का स्रोत नहीं है।उन्होंने कहा कि उनकी पुस्तक में गायत्री मंत्र क़ी जीवन एवं व्यवसाय प्रबंधन में अहम भूमिका है।उन्होंने कहा कि इस युग में सब कुछ थोड़े समय के लिए है जबकि हमें जीवन में हमेशा दीर्घकालिक लक्ष्य ही निर्धारित करने चाहिए। दीर्घकालीन लक्ष्य के लिए जब हम कार्य करते हैं तो दीर्घकालिक सफलता मिलती है।जो भी कंपनियां छोटे लक्ष्य लेकर चलती हैं,वह थोड़े ही समय में मुनाफा कमा कर बंद हो जाती है।उन्होंने कहा कि कुंभ मेला के आयोजन में बिना किसी निमंत्रण के लाखों लोग पहुंचते हैं,उसका भी कारण इस पुस्तक में डा.तलवार ने बखूबी बताया है।एक समान वस्तुएं बनाने वाली कंपनियां को वही लोग चुनते है,जो अपनी गुणवत्ता बनाए रखते है और अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करते। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं अथर्ववेद से उद्धृत मंत्रों के उच्चारण से हुई। आईआईटी के प्रबंधन संकाय विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रजत अग्रवाल ने विभाग की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में इंफिनिट लीडरशिप पुस्तक के उपयोगिता पर अपने विचार रखें।उन्होंने कहा कि हमें पश्चिम के विचारकों के विचारों की जगह अपने वैदिक कालीन और उसके बाद के भारतीय विचारकों के विचारों को आत्मसात करना चाहिए। कार्यक्रम में डॉ महेंद्र आहूजा,वीणा कौल,डॉ.सुधा तलवार,प्रेरणा भूटानी,बीके कौल,डॉ.एस मित्रा,संजीव गुप्ता,डॉ राधिका नागरथ,एस के गोयल और अशोक मानिकतला आदि मौजूद रहे।स्वस्तिका संघी ने वैदिक मंत्र उच्चारण से कार्यक्रम की शुरुआत की। अधवरेश पांडे ने मंच संचालन किया।