भागवत कथा सुनने से मन की शुद्धि होती है,पाप दूर होते हैं-महंत बिष्णु दास

सत दिनों से जारी श्रीमद्भागवत कथा की हुई पूर्णाहूति,श्रद्वाजंलि सभा का आज


हरिद्वार। श्रीगुरु सेवक निवास उछाली आश्रम में जारी बीसवें गुरु स्मृति महोत्सव के तहत श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन कथा व्यास आचार्य श्रीरविशंकर जी महाराज नैमिषारण्य यू.पी ने श्रद्वालुओं को भागवत कथा को विश्राम देते हुए दिन भगवान कृष्ण की लीलाओं, सुदामा चरित्र और परीक्षित के मोक्ष प्रसंगों का वर्णन सुनाते हुए कहा है कि जब भी धरा पर अत्याचार,अनाचार बढ़ा है,भगवान किसी न किसी रूप अवतरित होकर उसका संहार करते है।उन्होने भगवान कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि परीक्षित के मोक्ष प्रसंग,राजा परीक्षित को ऋषि शमिक द्वारा कथा सुनाते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत कथा भक्ति और ज्ञान के महत्व को रेखांकित करती है। सातवे दिन की कथा का उछाली आश्रम के परमाध्यक्ष श्री महंत विष्णु दास महाराज ने कथाव्यास का पूजन कर कथा प्रारम्भ कराया।श्रीमद् भागवत कथा का सनातन धर्म में अत्यधिक महत्व है। यह कथा सुनने और पढ़ने से आध्यात्मिक उन्नति,मोक्ष और भक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। भागवत कथा सुनने से मन शुद्ध होता है और भगवान के प्रति प्रेम बढ़ता है। श्रीमद् भागवत कथा सुनने से जन्म-जन्मांतर के पाप क्षय होते हैं और व्यक्ति पवित्र बनता है। श्री महंत विष्णु दास ने श्रीमद भागवत कथा श्रवण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कथा सुनने से व्यक्ति में आध्यात्मिक विकास, भक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।भागवत कथा सुनने से मन की शुद्धि होती है,पाप दूर होते हैं और व्यक्ति भगवान के करीब महसूस करता है। इस दौरान उन्होने बताया कि मंगलवार को सद्गुरूदेव साकेतवासी श्री श्री 1008 श्री महंत परम श्रद्धेय नृसिंह दास महाराज ढोरियावाले जी उनकी पूण्यतिथि पर मंगलवार को तीर्थनगरी के वरिष्ठ संतो द्वारा श्रद्वांजलि दी जायेगी।इस मौके श्रीरामानंदीय श्री वैष्णव मंडल हरिद्वार के कई संतगण,महन्त प्रेम दास,सहित बड़ी संख्या में कई वरिष्ठ संत मौजूद रहे।कथा के आयोजन में मुख्य जजमान श्रीमती नीलम अनिल मलिक श्रीमती गीतका अंकुर मलिक श्रीमती अंकित सिद्धार्थ चतुर्वेदी,आर्थिक आर्थिव श्रीमती चांद बृजमोहन सेठ गुड़गांव,पुनीत दास,राघवेंद्र दास,के अलावा अन्य श्रद्वालुओं ने आर्शीवाद प्राप्त किया।