कुमार टायर्स के विरुद्ध दायर शिकायत निरस्त,टायर वापस न करने की थी शिकायत
हरिद्वार। टायर की मांग कर मुआवजा मांगने के मामले में दायर की गई शिकायत को जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग ने निरस्त कर दिया है।प्राप्त जानकारी के अनुसार मांगेराम पुत्र कुलवंत सिंह निवासी संतोष विहार आर्यनगर ज्वालापुर ने कुमार टायर्स के प्रोपराइटर कृष्ण कुमार निवासी सतीकुण्ड कनखल हरिद्वार के विरुद्ध जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें बताया था कि उसने 22 अप्रैल 2021 को अपना पुराना ऑटो का टायर 800 में रबर चलाने के लिए कुमार टायर्स सतीकुंड के प्रोपराइटर को दिया और रसीद भी प्राप्त की थी। लेकिन कुमार टायर्स के मालिक द्वारा ना तो रबर चढ़ाई गई और ना ही टायर वापस किया गया जबकि उसने 800 का भुगतान कर दिया था। इस संबंध में कई बार उसने कुमार टायर्स से संपर्क किया लेकिन वे हर बार टालमटोल करते रहे तथा कोविट का बहाना बनाकर टायर भी रख लिया और 800 भी वापस नहीं किए। 11 जुलाई 2021 को उसके साथ कुमार टायर्स के मालिक व उसके पुत्रो ने अभद्र व्यवहार भी किया गया था इस संबंध में मांगेराम ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से मेसर्स कुमार टायर्स को नोटिस भी दिया लेकिन नोटिस के बावजूद भी ना तो उसका टायर वापस किया और ना ही उसकी धनराशि वापस की गई थी और ना ही टायर पर रबड़ चढ़ाई गई।जिस कारण उसने न्यायालय में कुमार टायर्स के विरुद्ध शिकायत आयोजित करनी पड़ी। कुमार टायर्स की ओर से अधिवक्ता दिनेश वर्मा द्वारा बताया गया की शिकायत गलत तथ्यों के आधार पर इस आयोग में प्रस्तुत की गई है जो पोषणीय ना होने के कारण निरस्त होने योग्य है क्योंकि मांगेराम द्वारा दिए गए नोटिस का जवाब भी कुमार टायर्स ने दिया गया था जिसमें स्पष्ट किया गया था कि इस प्रकार की कोई घटना नहीं हुई है। अधिवक्ता दिनेश वर्मा द्वारा बताया गया कि कुमार टायर्स की ओर से यदि कोई टायर रबर चलाने के टायर लिया जाता है तो उसकी रसीद दी जाती है तथा जो धनराशि अदा करता है उसे पर प्राप्ति कि रसीद भी दी जाती है और लिखा जाता है तथा टायर देने के 15 दिन के अंदर वापस लेने का समय भी दिया जाता है इस संबंध में कुमार टायर्स की ओर से मूल रसीद बुक प्रस्तुत की गई जिसमें कहीं भी यह उल्लेखित नहीं था कि उनके द्वारा मांगेराम से 800 प्राप्त किए गए और रबड़ वाला टायर रखा गया जबकि मांगेराम की ओर से इस प्रकार का कोई भी साक्ष्य आयोग में प्रस्तुत नहीं किया गया कि उसके द्वारा मैसेज कुमार टायर्स को 800 अदा किए गए हैं।जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष गगन कुमार गुप्ता सदस्य रंजना गोयल तथा डॉक्टर अमरेश रावत ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनकर और उपलब्ध साक्ष्य के अवलोकन से यह पाया कि मांगेराम द्वारा यह कहीं पर भी सिद्ध नहीं किया गया कि उसने रबड़ चढ़ाने के 800 कुमार टायर्स को अदा किए हैं। जबकि मैसेज कुमार टायर्स द्वारा अपने मूल दस्तावेज अपने अधिवक्ता के माध्यम से प्रस्तुत किए गए थे।दोनों पक्षों के तर्कों को सुनकर आयोग ने मांगेराम द्वारा दायर की गई शिकायत को आधारहीन पाते हुए निरस्त कर दिया है।