पतंजलि वेलनेस और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर


हरिद्वार। पतंजलि विश्वविद्यालय,पतंजलि वेलनेस (हरिद्वार) और केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरवाईएन),नई दिल्ली के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।इस समझौता ज्ञापन पर पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण,केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआर वाईएन) के निदेशक डॉ.राघवेंद्र राव एवं पतंजलि वेलनेस (योगपीठ) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.रवि पंडित ने हस्ताक्षर किए। इस समझौते का उद्देश्य योग,प्राकृतिक चिकित्सा और आधुनिक चिकित्सा के समन्वय से एकीकृत चिकित्सा इकाई की स्थापना करना,संयुक्त अनुसंधान को प्रोत्साहित करना तथा शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है। समझौते के अंतर्गत एक अत्याधुनिक इंटीग्रेटिव मेडिसिन डिपार्टमेंट की स्थापना की जाएगी,जिसमें रोगों की रोकथाम,उपचार और स्वास्थ्य संवर्धन सेवाओं के साथ-साथ योग और प्राकृतिक चिकित्सा आधारित जीवनशैली परामर्श तथा उपचार प्रदान किए जाएंगे।इसके तहत आधुनिक चिकित्सा और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के मध्य एक सशक्त रेफरल प्रणाली विकसित की जाएगी,जिससे रोगियों को समग्र उपचार की सुविधा प्राप्त होगी।समझौते के तहत पतंजलि विश्वविद्यालय समुचित बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराएगा,जबकि सीसीआर वाईएन तकनीकी सहयोग,मानव संसाधन और अनुसंधान संबंधी समर्थन प्रदान करेगा।इसके लिए दोनों संस्थाओं की ओर से एक संयुक्त समिति गठित की जाएगी,जो सभी गतिविधियों की योजना,संचालन और निगरानी सुनिश्चित करेगी। यह महत्वपूर्ण समझौता भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में पारंपरिक एवं आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के समन्वय द्वारा एकीकृत स्वास्थ्य मॉडल को बढ़ावा देने की दिशा में एक सार्थक और दूरगामी पहल मानी जा रहा है।इस दौरान पतंजलि विश्वविद्यालय के प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग विज्ञान संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ.कनक सोनी,सीसीआरवाईएन,नई दिल्ली के वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी डॉ.भावित बंसल तथा पतंजलि विश्वविद्यालय,पतंजलि वेलनेस (योगपीठ) एवं सीसीआरवाईएन के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण भी मौजूद रहे।