गुरू ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप हैं-स्वामी सर्वानंद गिरी
हरिद्वार। जगजीतपुर स्थित पायलट बाबा आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर पायलट बाबा के अनुयायी स्वामी सर्वानंद गिरी ने कहा कि गुरू ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप हैं। ब्रह्मलीन पायलट बाबा त्याग,तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे।उनका मानना था कि जरूरतमंद की सेवा ही ईश्वर भक्ति है।ब्रह्मलीन पायलट बाबा की शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए महामंडलेश्वर साध्वी चेतना गिरी व महामंडलेश्वर साध्वी श्रद्धा गिरी के नेतृत्व में आश्रम की सेवा संस्कृति को आगे बढ़ाया जा रहा है।आश्रम के प्रबंधक डा.दुष्यंत चौहान ने कहा कि संतों का जीवन समाज के लिए ही होता है।दिव्य महापुरूष ब्रह्मलीन पायलट बाबा की स्मृतियों को संजोते हुए आश्रम में प्रतिमाह अन्न क्षेत्र का आयोजन कर संतों व आश्रम में आने श्रद्धालु भक्तों को भोजन प्रसाद वितरित किया जाता है।इसका उद्देश्य है कि कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति आश्रम से भूखा ना जाए। इस दौरान अनिल सिंह,जय कुमार,जीवेंद्र तोमर, संजीव चौहान मौजूद रहे।