डा.अंबेडकर ने किया दलितों,महिलाओं,शोषितों के अधिकारों का संरक्षण-महमूद प्राचा

 वेलफेयर सोसाइटी ने धूमधाम से मनाया डा.भीमराव अंबेडकर का जन्मोत्सव

शिक्षा के महत्व को रेखांकित करती है डा.अंबेडकर की सफलता-चंद्रपाल सिंह



हरिद्वार। डा.भीमराव अम्बेडकर अनुसूचित जाति,जनजाति वेलफेयर सोसाइटी के तत्वावधान में संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब डा.भीमराव अंबेडकर का 134वां जन्मोत्सव धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।सामुदायिक केन्द्र फेस-3 शिवालिक नगर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं नेशनल एक्शन फोरम ऑफ सोशल जस्टिस के मुख्य संरक्षक महमूद प्राचा,विशिष्ट अतिथि नेशनल एक्शन फोरम ऑफ सोशल जस्टिस के राष्ट्रीय अध्यक्ष नानकचंद,उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष मुकेश कुमार,उत्तराखंड सामाजिक न्याय एवं महिला अधिकारिता बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष राजेश गौतम ने शिक्षा,खेल,कैरियर,व्यवसाय एवं सामाजिक क्षेत्र विशेष स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों और व्यक्तियों को सम्मानित किया। सोसाइटी के अध्यक्ष भानपाल सिंह,महासचिव चंद्रपाल सिंह,कोषाध्यक्ष देवेंद्र भास्कर ने सभी अतिथियों का पगड़ी व फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता महमूद प्राचा ने कहा कि देश को आजादी मिलने के बाद बाबा साहेब डा.भीमराव अंबेडकर ने संविधान की रचना कर दलितों,महिलाओं,शोषितों,पिछड़ों के अधिकारों का संरक्षण किया।सभी को बाबा साहेब के बनाए संविधान का पालन करते हुए देश के विकास में योगदान देना चाहिए। विशिष्ट अतिथि नानकचंद ने कहा कि शिक्षा ही सभी समस्याओं का समाधान है। शिक्षा से समाज और देश आगे बढ़ेगा।उन्होंने कहा कि डा.अंबेडकर ने नारा दिया था कि शिक्षित बनो,संगठित रहो और संघर्ष करो।बाबा साहेब के इस नारे को आत्मसात कर समाज को आगे बढ़ाएं।उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष मुकेश कुमार व उत्तराखंड सामाजिक न्याय एवं महिला अधिकारिता बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष राजेश गौतम ने कहा कि डा.अंबेडकर के संघर्षो के फलस्वरूप ही समाज के उपेक्षित वर्ग को सम्मान और शिक्षा का अधिकार मिला।सभी को उनके जीवन संघर्ष से प्रेरणा लेनी चाहिए। सोसाइटी के अध्यक्ष भानपाल सिंह व महासचिव चंद्रपाल सिंह ने सभी को अंबेडकर जन्मोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारतीय संविधान के शिल्पकार डा.भीमराव अंबेडकर अनेक भाषाओं और विषयों के प्रख्यात विद्वान थे। उनकी लिखी पुस्तकें विश्व के अनेक विश्वविद्यालयों और प्रमुख शिक्षण संस्थाओं में पढ़ायी जाती है। दलित परिवार में जन्मे डा.अंबेडकर ने शिक्षा के बल पर पूरे विश्व में उच्च मुकाम हासिल किया।उन्होंने कहा कि डा.अंबेडकर की सफलता शिक्षा के महत्व को रेखांकित करती है।इससे प्रेरणा लेकर सभी को परिवार को शिक्षित करने पर विशेष फोकस करना चाहिए।कोषाध्यक्ष देवेन्द्र भास्कर ने सभी का आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम में बीएस तेजियान,डा.केपी कौर,धर्मसिंह,भारत भूषण,राजेंद्र श्रमिक,भंवर सिंह ,सत्यपाल शास्त्री,लाल सिंह,सुखपाल सिंह,सत्यपाल,कमलेश्वर सागर,महेश प्रताप राणा, रामबीर,राजेंद्र,कौशल्या देवी,कल्पना भूषण,शर्मिला कौर,राजकुमारी,शालिनी,नत्थूंिसह ,नाथीराम ,ब्रह्मपाल सिंह,अश्विनी कुमार,गुलाब राय,बिहारी चौधरी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।