बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना की सफलता उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक क्षण
देहरादून एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में,एनएच-134 पर एक प्रमुख बुनियादी ढांचे की उपलब्धि,बड़कोट-सिलक्यारा बेंड टनल परियोजना की सफलता की आधिकारिक तौर पर घोषणा की गई। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केन्द्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा,टनल निर्माण कार्य के सफल समापन को देखने के लिए उपस्थित थे। प्रमुख इंजीनियरिंग और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर कंसल्टिंग कंपनी रोडिक कंसल्टेंट्स ने इस परियोजना में निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार की भूमिका निभाई।कंपनी ने टनल निर्माण के सभी चरणों को समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा कराने में अहम योगदान दिया। अपनी जिम्मेदारियों के तहत,रोडिक ने निर्माण कार्यों की निगरानी की और डिजाइन फाइनल करने,सुरक्षा उपायों और इंजीनियरिंग मानकों जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर एनएच आईडीसीएल और ठेकेदार को सलाह दी।रोडिक कंसल्टेंट्स ने सीमेंट,कंक्रीट और एग्रीगेट्स के लिए ऑन-साइट परीक्षणों की देखरेख की और स्प्रेड कंक्रीट और रॉक बोल्ट्स के फील्ड टेस्ट किए,जिससे सख्त गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित किया गया। डिजिटल नवाचार को अपनाते हुए,रोडिक ने एक डिजिटल रिक्वेस्ट फॉर इंस्पेक्शन सिस्टम और प्रोजेक्ट डेटा प्रबंधन का डिजिटलीकरण किया,जिससे साइट पर पारदर्शिता,दक्षता और गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ।नई उपलब्धि पर बोलते हुए रोडिक कंसल्टेंट्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर राज कुमार ने कहा,हमें बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल परियोजना की सफलता में अपनी अहम भूमिका पर गर्व है।निर्माण पर्यवेक्षण सलाहकार के रूप में,रोडिक ने पूरे निर्माण कार्य में इंजीनियरिंग गुणवत्ता,सुरक्षा और उत्कृष्टता के सर्वाेच्च मानकों को सुनिश्चित किया।हमारी टीम ने परियोजना डेटा के डिजिटलीकरण और डिजिटल आरएफआई सिस्टम जैसे नवाचारों के ज़रिए काम की पारदर्शिता और कार्यक्षमता को बेहतर बनाया। हम मानते हैं कि यह केवल एक निर्माण उपलब्धि नहीं,बल्कि हर मौसम में बेहतर कनेक्टिविटी,क्षेत्रीय विकास और स्थानीय समुदायों के लिए एक मजबूत भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस दिन नवनिर्मित बाबा बौखनाग मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा भी की गई।4.531किलोमीटर लंबी यह दो लेन की एकतरफा टनल एनएच-134(पुराना एनएच-94)पर धरासू और यमुनोत्री के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी देने के लिए बनाई गई है। यह टनल यात्रा का समय एक घंटे से घटाकर सिर्फ़ पाँच मिनट कर देती है, जिससे इस क्षेत्र में व्यापार,पर्यटन और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील जंगलों की भी सुरक्षा होगी।इस अवसर पर बोलते हुए,पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बड़कोट-सिल्कयारा बेंड टनल की सफलता उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दस वर्षों में पूरे देश में निरंतर विकास हुआ है और उत्तराखंड उस यात्रा में गर्व से योगदान दे रहा है। मुख्यमंत्री ने विकास और समृद्धि के नए आयाम स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व,मार्गदर्शन और सहयोग के लिए उनका आभार भी व्यक्त किया। सभा को संबोधित करते हुए,अजय टम्टा ने टनल के निर्माण की सफलता के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में,इस परियोजना ने बहुत तेज़ी से प्रगति की है और उत्तराखंड के विकास की गति को पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ कर दिया है। टनल के निर्माण के बाद,परियोजना अब अंतिम चरण में प्रवेश कर रही है,जिसमें सड़क निर्माण और विद्युत तथा यांत्रिक प्रणालियों की स्थापना शामिल है। बड़कोट -सिल्कयारा बेंड टनल आधुनिक इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और विभिन्न एजेंसियों के सहयोग का उदाहरण है।