समारोह पूर्वक मनाया बापेश्वर धाम आश्रम का वार्षिकोत्सव
हरिद्वार। कनखल सन्यास रोड़ स्थित बापेश्वर धाम आश्रम का वार्षिकोत्सव संत महापुरूषों और भक्तों के सानिध्य में समारोह पूर्वक मनाया गया। बापेश्वर धाम के परमाध्यक्ष श्रीमहंत मधूसूदन गिरी महाराज की अध्यक्षता में आयोजित वार्षिकोत्सव समारोह के अवसर पर आयोजित संत समागम को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि राष्ट्र की एकता अखंडता बनाए रखने में संत महापुरूषों ने हमेशा ही अग्रणी भूमिका निभायी है।उन्होंने कहा कि त्याग,तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति श्रीमहंत मधूसूदन गिरी महाराज के नेतृत्व में बापेश्वर धाम आश्रम सेवा और संस्कृति संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है।जो कि बेहद सराहनीय और प्रेरणादायी है।श्रीमहंत मधूसूदन गिरी महाराज ने सभी संत महापुरूषों और अतिथीयों का स्वागत करते हुए कहा कि पूज्य गुरूजनों ब्रह्मलीन महंत रघुनाथ गिरी व ब्रह्मलीन महंत जयराम गिरी के आशीर्वाद और कृपा से समाज को सांस्कृतिक रूप से एकजुट कर मानव सेवा करना ही उनके जीवन का उद्देश्य है।उन्होंने कहा कि 2027 में हरिद्वार में होने वाले कुुंभ मेले के दौरान अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नेतृत्व में बापेश्वर धाम कुंभ मेले में स्नान के लिए आने वाले संतों और श्रद्धालुओं की सेवा में प्रमुख भूमिका निभाएगा। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि परमार्थ के लिए जीवन समर्पित करने वाले संत का अपना कुछ नहीं होता है। संत के जीवन का उद्देश्य ही मानव कल्याण है।श्रीमहंत मधूसूदन गिरी महाराज संत परंपरांओं का पालन करते हुए जिस प्रकार मानव कल्याण में योगदान कर रहे हैं। इससे सभी को प्रेरणा मिलती है। संत समागम का संचालन करते हुए स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि श्रीमहंत मधूसूदन गिरी महाराज संत समाज के प्रेरणा स्रोत हैं।महामंडलेश्वर स्वामी ंसंजय गिरी महाराज,महामंडलेश्वर स्वामी गर्व गिरी महाराज,आचार्य पारस मुनि,स्वामी हरिहरानंद,स्वामी दिनेश दास,स्वामी ज्योर्तिमयानंद, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि सहित अनेक संतों ने संत समागम को संबोधित किया और श्रद्धालु भक्तों को आशीवर्चन प्रदान किए। इस अवसर पर विश्व सनातन धर्म परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अमित वालिया,नितिन वालिया,हिमांशु वालिया ने फूलमाला पहनाकर सभी संतों का स्वागत किया। इस अवसर पर दीपक जैन,सौरभ जैन,स्वामी विवेक गिरी,स्वामी किशन गिरी,स्वामी हरि गिरी मौजूद रहे।