रेनाकेयर डायलिसिस किडनी सेंटर बना किडनी रोगियों के लिए एक अनमोल वरदान

कमल मिश्रा 


हरिद्वार/दिल्ली। रेनाकेयर किडनी डायलिसिस सेंटर,जो किडनी रोगियों के लिए किसी ईश्वरीय वरदान से कम नहीं,2025 में अपनी पांचवीं वर्षगांठ के स्वर्णिम पड़ाव पर पहुँच गया है। इस खास मौके पर,सेंटर ने किडनी रोगियों के लिए एक अनुपम उपहार की शुरुआत की है।एक अप्रैल से हर शनिवार को निःशुल्क ओपीडी। यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवा की सुलभता को बढ़ाएगी,बल्कि समाज के हर वर्ग तक गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा पहुँचाने के संकल्प को भी मजबूत करेगी।रेनाकेयर की यह शानदार यात्रा इसके संस्थापक डॉ.अनिल प्रसाद भट्ट के कुशल नेतृत्व और अटूट समर्पण का परिणाम है।उनकी उपलब्धियों का ताज है“सेवा रत्न पुरस्कार”,जो सामुदायिक सेवा के प्रति उनकी निष्ठा का प्रतीक है। सालाना लगभग 50,000 डायलिसिस सत्रों की देखरेख करने वाले डॉ.भट्ट ने हाई-फ्लक्स डायलिसिस और ऑनलाइन हेमोडायफिल्ट्रेशन जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाकर रेनाकेयर को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। इसके साथ ही,किफायती किडनी प्रत्यारोपण कार्यक्रम की शुरुआत ने इसे और भी विशिष्ट बनाया। 2022 में सिक्स सिग्मा द्वारा एक केंद्र को“सर्वश्रेष्ठ डायलिसिस केंद्र”का सम्मान मिलना उनकी नैदानिक उत्कृष्टता का जीवंत प्रमाण है।डॉ.अनिल प्रसाद भट्ट वर्तमान में मैक्स सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में नेफ्रोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट के निदेशक के रूप में भी अपनी सेवाएँ दे रहे हैं,जो पहले जेपी अस्पताल,नोएडा के नाम से जाना जाता था।अपने लंबे करियर मेंउन्होंने2000से अधिक किडनी प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक संपन्न किए हैं,जो उनकी विशेषज्ञता और अनुभव का परिचायक है।इस शुभ अवसर पर डॉ.भट्ट ने रेनाकेयर की प्रेरक कहानी साझा की।उन्होंने बताया कि 2020 में कोविड लॉकडाउन के चुनौतीपूर्ण समय में शुरू हुआ यह सेंटर,एक छोटे स्टार्टअप से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सबसे भरोसेमंद डायलिसिस सेवाओं का पर्याय बन गया। आज यह संगठन पाँच केंद्रों के साथ संचालित हो रहा है,जिनमें नोएडा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल (सेक्टर 66,नोएडा) और महानंदन अस्पताल (ग्रेटर नोएडा) जैसे प्रमुख स्थान शामिल हैं।ये केंद्र उन्नत किडनी देखभाल के साथ असंख्य मरीजों की सेवा कर रहे हैं। रेनाकेयर के नए कार्यकारी निदेशक डॉ.पीटला भरत कुमार ने इस अवसर पर सेंटर की खूबियों को रेखांकित किया।उन्होंने कहा कि यहाँ मरीजों के प्रति संवेदनशील देखभाल और अत्याधुनिक तकनीक का अनूठा संगम है।मई 2020 में शुरू किया गया होम हेमोडायलिसिस प्रोग्राम इसका एक क्रांतिकारी उदाहरण है,जिसने महामारी के दौरान मरीजों को घर पर ही सुरक्षित और सुविधाजनक इलाज का विकल्प दिया।यह कार्यक्रम ,जिसकी विस्तृत जानकारी रेनाकेयर की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है,एनसीआर और उत्तर प्रदेश के मरीजों तक पहुँच रहा है।नेफ्रोलॉजिस्ट्स की अनुभवी टीम की निगरानी में चलने वाला यह प्रोग्राम डेटा-आधारित दृष्टिकोण और नियमित गुणवत्ता ऑडिट के साथ उच्च मानकों को सुनिश्चित करता है।डॉ.कुमार ने कहा,“डॉ.अनिल प्रसाद भट्ट के मार्गदर्शन में रेनाकेयर अत्याधुनिक तकनीक के साथ मरीज-केंद्रित देखभाल का प्रतीक बन गया है।नैदानिक उत्कृष्टता,गुणवत्ता सुधार और डेटा-संचालित ऑडिट के प्रति हमारी प्रतिबद्धता हमें अलग बनाती है।होम हेमो डायलिसिस जैसी सुविधाएँ मरीजों के जीवन को आसान बनाने का हमारा वादा हैं।”रेनाकेयर का लक्ष्य केवल डायलिसिस तक सीमित नहीं है।यह गुर्दे की बीमारी को अंतिम चरण तक पहुँचने से रोकने के लिए संकल्पबद्ध है।इसी दिशा में,नोएडा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में हर शनिवार निःशुल्क ओपीडी शुरू की गई है,जो प्रारंभिक पहचान और सुलभ स्वास्थ्य सेवा का माध्यम बनेगी।रेनाकेयर के सलाहकार नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ.अनीश करवा ने मधुमेह रोगियों के लिए एकल मूत्र माइक्रो एल्ब्यूमिन परीक्षण की महत्ता पर बल दिया।यह परीक्षण,जो मूत्र में एल्ब्यूमिन के सूक्ष्म स्तर का पता लगाता है,गुर्दे की बीमारी की शुरुआती पहचान में कारगर है। इससे पहले कि स्थिति गंभीर हो,समय रहते हस्तक्षेप संभव हो पाता है। डॉ.पीटला भरत कुमार ने रेनाकेयर के भविष्य के विजन को साझा करते हुए कहा कि उनका लक्ष्य दिल्ली-एनसीआर और उससे आगे अपनी सेवाओं का विस्तार करना है। भविष्य की ओर बढ़ते हुए,उनकी विस्तार योजनाएँ किडनी रोग को रोकने और प्रबंधित करने के मिशन को और सशक्त बनाएँगी।