पहलगाम अटैक एक अत्यंत निंदनीय और अमानवीय कृत्य

परमार्थ निकेतन की ओर से शहीदों को नमन व देशवासियों से शांति,एकता बनाए रखने का निवेदन


ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने पहलगाम में हुआ आतंकी हमले की घोर निंदा करते हुये कहा कि यह अत्यंत निंदनीय,कायरतापूर्ण और अमानवीय कृत्य है,जिसने पूरे देश ही नहीं पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया है।यह हमला भारत की अखंडता और मानवता पर सीधा प्रहार है।पूरी दुनिया के लिये यह चिंतन का विषय है कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता,कोई राष्ट्र नहीं होता यह केवल विनाश का प्रतिनिधि है।भारत की जनता इस दुःखद घड़ी में एकजुट है और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की सक्रियता,यह दर्शाती है कि भारत आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए संकल्पबद्ध है।स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने पहलगाम में हुए अमानवीय आतंकी हमले की घोर निंदा करते हुए गहरी संवेदना प्रकट की और कहा कि मजहब पूछकर मारना,यह कैसा मजहब है?चुन-चुन कर नाम पूछ कर मारना,कपड़े खुलवाकर देखना कि खत्ना है या नहीं,फिर खत्म कर देना,यह किस धर्म की शिक्षा है? क्या कुरान इस अमानवीयता की इजाजत देता है?यह आतंक नहीं,पथभ्रष्टता की पराकाष्ठा है। धर्म के नाम पर हत्या करना धर्म का अपमान है; पूरी मानवता का अपमान है।किसी के विश्वास,नाम या पहनावे के आधार पर उसे निशाना बनाना घोर अधर्म है। स्वामी जी ने कहा कि सच्चा धर्म प्रेम,करुणा और सह-अस्तित्व की बात करता है।कोई भी पवित्र ग्रंथ हिंसा की शिक्षा नहीं देता।जो पर्यटक गये उन्हें पीड़ा देना क्या है ये सब?आज समय है एकजुट होकर इस पाखंड और कट्टरता का विरोध करने का ताकि आने वाली पीढ़ियाँ धर्म के नाम पर इंसान को मरता नहीं,जीता देख सकें। स्वामी जी ने कहा कि पहलगाम में हुआ आतंकी हमला एक बार फिर भारत के हृदय को छलनी कर गया। निर्दाेष,निहत्थे लोगों पर हुआ यह अमानवीय हमला सम्पूर्ण मानवता के लिए एक चुनौती है। उन्होंने कहा कि यह समय शोक का नहीं,संकल्प का है। हमें पूरा विश्वास है कि भारत सरकार इस कायरतापूर्ण कृत्य का उत्तर जरूर देगी। हम न भूलेंगे,न रुकेंगे। भारत एक था,एक है,और एक रहेगा। हमारे देश की आत्मा को कोई नहीं मार सकता,क्योंकि वह सत्य,शांति और संकल्प से बनी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्पष्ट दृष्टिकोण और गृहमंत्री अमित शाह की नीतिगत दृढ़ता,दोनों मिलकर भारत को एक सुरक्षित,सशक्त और आतंकमुक्त राष्ट्र बनाने की दिशा में निरंतर प्रयत्नशील हैं। यह नेतृत्व आज केवल राजनीतिक नहीं,राष्ट्रीय संकल्प का प्रतीक है।पहले पुलवामा और अब पहलगाम, पहलगाम से होगी एक नई पहल, कुछ ऐसा कि नसीर कायम करेगा ताकि कभी भी कोई हिम्मत न कर सके।