देसंविवि व शांतिकुंज में उत्साहपूर्वक मनायी गयी हनुमान जयंती

 वीर हनुमान का व्यक्तित्व हिमालय समान: डॉ.चिन्मय पण्ड्या

हरिद्वार।देवसंस्कृति विश्वविद्यालय एवं शांतिकुंज में हनुमान जयंती का पावन पर्व श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ मनाया गया।विश्वविद्यालय व शांतिकुंज परिवार ने सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा व सुंदरकांड का पाठ किया।पूरा वातावरण भक्ति,ऊर्जा एवं सकारात्मकता से ओतप्रोत हो गया। देसंविवि के प्रतिकुलपति युवा आइकॉन डॉ.चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि वीर हनुमान का व्यक्तित्व हिमालय के समान है अडिग,विशाल और ऊँचा। उनकी श्रद्धा,भक्ति और शक्ति वास्तव में अतुलनीय हैं।वे सेवा,निष्ठा और साहस के प्रतीक हैं।हनुमान जी का जीवन त्याग,भक्ति,सेवा और अद्भुत शक्ति का प्रतीक है।वे केवल भगवान राम के भक्त नहीं,बल्कि ‘भक्ति योग’ के जीवंत उदाहरण हैं।युवा आइकान ने बताया कि करीब छः दशक बाद पंचग्रही योग के साथ वीर हनुमान की जयंती मनाई जा रही है। यह एक विशेष संयोग है।उन्होंने भगवान हनुमान के सेवा, समर्पण आदि की भी विस्तृत व्याख्या की।अपने संदेश अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ.प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि साधन,योग्यता,शिक्षा आदि की दृष्टि से हनुमान उस समुदाय में अकिंचन थे। उनका भूतकाल भगोड़े सुग्रीव की नौकरी करने में बीता था,पर जब महती शक्ति के साथ सच्चे मन और पूर्ण समर्पण के साथ लग गए,तो लंका दहन,समुद्र छलांगने और पर्वत उखाड़ने का,राम-लक्ष्मण को कंधे पर बिठाये फिरने का श्रेय उन्हें ही मिला। हम सभी को हनुमान जयंती पर उनके इस समर्पण के कुछ अंश को आत्मसात करना चाहिए। वहीं सायं शांतिकुंज के मुख्य सभागार में शांतिकुंज की ब्रह्मवादिनी बहिनों के संचालन में भव्य दीपमहायज्ञ सम्पन्न कराया।