धर्म शास्त्रों के प्रकाण्ड विद्वान और उच्च कोटि के संत थे ब्रह्मलीन स्वामी जगन्नाथ देव-स्वामी परमात्मदेव

समारोह पूर्वक मनाया गया ब्रह्मलीन स्वामी जगन्नाथ देव महाराज का 39वां निर्वाण दिवस


हरिद्वार। ब्रह्मलीन स्वामी जगन्नाथ देव महाराज का 39वां निर्वाण दिवस संत महापुरूषों और भक्तों के सानिध्य में समारोह पूर्वक मनाया गया।सप्तसरोवर स्थित ब्रहमनिवास आश्रम उत्तर भाग में आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी परमात्मदेव महाराज के संयोजन में आयोजित निर्वाण दिवस समारोह में सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों और भक्तों ने ब्रह्मलीन स्वामी जगन्नाथ देव महाराज के धर्म और अध्यात्म के क्षेत्र में योगदान का स्मरण करते हुए उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। समारोह की अध्यक्षता महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज और संचालन स्वामी हरिहरानंद ने किया। इस दौरान सभी संत महापुरूषों ने पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निदा की और हमले में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति की प्रार्थना की।महामंडलेश्वर स्वामी परमात्म देव महाराज ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन स्वामी जगन्नाथ देव महाराज धर्म शास्त्रों के प्रकाण्ड विद्वान और उच्च कोटि के संत थे। वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें ब्रह्मलीन स्वामी जगन्नाथ देव महाराज जैसे विद्वान महापुरूष के सानिध्य में शिक्षा दीक्षा का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि पूज्य गुरूदेव से प्राप्त शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए आश्रम को सेवा का प्रमुख केंद्र बनाना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन जगन्नाथ देव महाराज त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थें।उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण का संकल्प लेना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है।महामंडलेश्वर स्वामी चिदविलासानंद एवं महामंडलेश्र स्वामी राम मुनि महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी जगन्नाथ देव महाराज संत समाज के प्रेरणा स्रोत थे।महामंडलेश्वर स्वामी परमात्मदेव महाराज भाग्यशाली है कि उन्हें गुरू के रूप में ब्रह्मलीन स्वामी जगन्नाथ देव महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ।स्वामी कृष्णानंद,स्वामी रविदेव शास्त्री,स्वामी हरिहरानंद ,स्वामी दिनेश दास,स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि ने सभी संत महापुरूषों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया।इस अवसर पर महंत विष्णु दास,महंत दुर्गादास, महंत गोविंदास,महंत प्रहलाद दास, महंत सूरज दास, महंत जयराम दास,स्वामी चिदविलासानंद,महंत मोहन सिंह,महंत तीरथ सिंह,संत जगजीत सिंह,स्वामी राम मुनि,महंत सुतिक्ष्ण मुनि,स्वामी प्रेमदास,महंत बिहारी शरण,महंत रघुवीर दास,स्वामी शिवम महंत,पंडित पदम प्रसाद सुवेदी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।