ईश्वर तक जाने वाला मार्ग सतगुरु के चरणों से होकर ही जाता है-डॉ.गीता मनीषी राधा गिरी जी
हरिद्वार। हरिपुरकलां स्थित अमीर गिरी आश्रम में श्रद्वालुओं को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर डॉ.गीता मनीषी श्रीराधा गिरी जी महाराज ने कहा परम वंदनीय आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि जी महाराज,अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्री हरि गिरि जी महाराज, ,अंतर्राष्ट्रीय सभापति जूना अखाड़ा श्री प्रेमगिरि जी महाराज के आशीर्वाद स्वरुप अखाड़े द्वारा मुझे महामंडलेश्वर पद पर विभूषित किया गया है,मैं अखाड़े के सभी संत महापुरुषों का इसके लिये आभार व्यक्त करती हूं। उन्होंने कहा इस पृथ्वी लोक पर कोई भी चिन्ता मुक्त नहीं है,जिसके पास धन है उसे संभालने की चिंता उसके लुट जाने की चिंता और जिसके पास नहीं है उसे कमाने की चिंता जीवन यापन के लियें संघर्ष की चिंता परिवार चलाने की चिंता किंतु संत महापुरुषों का जीवन वैराग्य धारण होता है। जो सभी चिताओं से मुक्त होता है और श्रद्वालुओं को भजन कीर्तन सत्संग धर्म कर्म दान सत्कर्म आदि के माध्यम से उनके कल्याण का मार्ग दिखाते हैं। सतगुरु इस पृथ्वी लोक पर साक्षात ईश्वर के प्रतिनिधि के रूप में अवतरित होते हैं। ईश्वर तक जाने वाला मार्ग सतगुरु के चरणों से होकर ही जाता है,इसलिये जीवन में सतगुरु का मार्गदर्शन अति आवश्यक है। जब जब इस धरती पर ईश्वर अवतरित हुए हैं,तब-तब उन्हें भी सतगुरु के मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ी है। मनुष्य अगर चिंता मुक्त हो सकता है तो गुरु की शरण में जाने से हो सकता है। अगर इस मानव जीवन को सार्थक करना चाहते हो तो गुरु की शरण में जाओ सतगुरु उंगली पड़कर भवसागर पार करायेंगे