महिलाओं ने इतिहास में हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है

हरिद्वार। राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण समिति की पूर्व राष्ट्रीय सचिव रेखा नेगी ने कहा कि महिला दिवस हर साल 8मार्च को मनाया जाता है और इसका उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उन्हें सम्मान देना है। महिलाओं ने इतिहास में हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है,चाहे वह शिक्षा हो,राजनीति हो,विज्ञान हो या खेल का मैदान। समाज में आज भी घरेलू हिंसा,लैंगिक भेदभाव,शिक्षा में असमानता,दहेज प्रथा,बाल विवाह जैसी बुराइयां मौजूद हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि समाज में महिलाओं को समानता,सम्मान और स्वतंत्रता देने की आवश्यकता है।कई जगहों पर महिलाओं को अपनी बात कहने की आजादी नहीं होती।महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार और समाज को मिलकर काम करना होगा।शिक्षा सबसे बड़ा हथियार है जिससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।जब महिलाएं शिक्षित होंगी,तो वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होंगी और समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकेंगी। आज सरकार और कई गैर-सरकारी संगठन महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं।बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,उज्ज्वला योजना,महिला सुरक्षा कानून,स्वयं सहायता समूह जैसे कई सरकारी प्रयास महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए किए जा रहे हैं। इसके अलावा,महिलाओं को खुद भी आगे आना होगा और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना होगा। समाज को यह समझना होगा कि महिलाओं को समान अवसर देना न केवल उनका हक़ है,बल्कि इससे समाज और देश भी प्रगति करेगा।जब महिलाएं सशक्त होंगी,तो वे परिवार,समाज और देश की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेंगी। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए पुरुषों और महिलाओं दोनों को मिलकर काम करना होगा। तभी हम एक ऐसा समाज बना पाएंगे जहां महिलाओं और पुरुषों को समान अवसर और सम्मान प्राप्त हो।