महाकुम्भ की अद्भुत सफलता के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अभिनन्दन

भगवान शिव की दिव्य प्रतिमा, रूद्राक्ष का पौधा और इलायची की माला भेंट


प्रयागराज। महाकुम्भ के पावन अवसर पर नेत्र चिकित्सा महायज्ञ का भव्य आयोजन महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये किया गया। कार्यक्रम मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश,योगी आदित्यनाथ और परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती के पावन सान्निध्य में सम्पन्न हुआ।स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने महाकुम्भ की अद्भुत सफलता के लिये मुख्यमंत्री का भगवान शिव की दिव्य प्रतिमा,शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा और इलायची की माला से अभिनन्दन किया। भारत के ऊर्जावान प्रधानमंत्री के नेतृत्व में योगी आदित्यनाथ ने जिस प्रकार महाकुम्भ में व्यवस्थायें की,आपके मार्गदर्शन में शासन व प्रशासन ने अद्भुत रूप से पूरे मेले को आयोजित किया वह अद्भुत व अलौकिक हैं। नेत्र कुम्भ के माध्यम से महाकुम्भ में आने वाले लाखों-लाखों श्रद्धालुओं को चश्मे,दवाईयाँ और जांच की गयी और लाखों लोगों को सेवा प्रदान की गई।इस अद्भुत पहल को सफल बनाने में भाऊराव देवरस सेवा न्यास और श्रीरज्जूभैया सेवा न्यास का अहम योगदान रहा। महाकुम्भ के दौरान नेत्र महाकुम्भ एक विशेष पहलू के रूप में उभर कर सामने आया,जहां दुनिया भर से आए श्रद्धालुओं को मुफ्त में नेत्र चिकित्सा सेवाएं प्रदान की गई।इस पहल का उद्देश्य न केवल नेत्र रोगियों की चिकित्सा करना था,बल्कि उन्हें एक नई दृष्टि प्रदान करना था,ताकि वे समाज में अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य कर सकें। ‘सर्वेन्द्रियाणां नयनं प्रधानम’(सभी इंद्रियों में आंख सर्वाेत्तम है) का आदर्श मार्गदर्शन करते हुए, इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया ताकि हर व्यक्ति को दिव्य दृष्टि प्राप्त हो सके। इस अनूठी पहल में लाखों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और अपनी आंखों की जांच एवं चिकित्सा करवाई। चिकित्सा शिविरों में विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम ने नेत्र जांच की। इस विशेष आयोजन का उद्देश्य समाज में नेत्रहीनता और दृष्टिहीनता की समस्या को दूर करना था।नेत्र चिकित्सा महायज्ञ का आयोजन एक प्रेरणास्त्रोत है,जो समाज के प्रत्येक व्यक्ति को स्वस्थ और समृद्ध जीवन जीने की दिशा में प्रेरित करता है। इस तरह के कार्यक्रमों से हम ना केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ होते हैं,बल्कि आत्मिक और मानसिक रूप से भी समृद्ध होते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार हमेशा समाज कल्याण और चिकित्सा सेवाओं में योगदान देने वाली ऐसी पहल का स्वागत करती है।इस पहल से लाखों लोगों को राहत मिली। समाज के हर वर्ग को यह संदेश मिला है कि हर व्यक्ति की सेवा करना हमारा परम कर्तव्य है।नेत्र चिकित्सा महायज्ञ का आयोजन न केवल एक चिकित्सा सेवा है,बल्कि यह एक सामाजिक कर्तव्य का पालन भी है। आंखों की रोशनी हर किसी के लिए जीवन का सर्वाेत्तम उपहार है। महाकुंभ- 2025 के इस अद्भुत आयोजन ने यह साबित कर दिया कि सेवा का कोई आकार या सीमा नहीं होती।यह सिर्फ एक चिकित्सा कार्यक्रम नहीं था,बल्कि एक जीवनदायिनी पहल थी,जो लाखों लोगों की जीवनधारा को नया मोड़ दे गई।