संत महापुरुष पृथ्वी लोक पर एक चलते फिरते तीर्थ के सामान होते है- श्यामसुंदर दास
हरिद्वार। श्री श्याम वैकुण्ठ धाम श्यामपुर हरिद्वार के परमाध्यक्ष हनुमान शिव मंदिर सभापुर दिल्ली के श्री महंत पूज्य श्याम सुंदर दास के अवतरण दिवस पर भक्तजनों द्वारा अनेको धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम यज्ञ पूजा अनुष्ठान आदि सम्पन्न हुआ। आशीर्वाद संध्या के अवसर पर भक्तजनों के बीच ज्ञान की वर्षा करते हुए महंत श्यामसुंदर दास महाराज ने कहा भक्ति ही तर्पण का मार्ग है जिसके मन में श्रद्धा भक्ति हिलोरा मार रही हो,उसका मन सदैव प्रसन्नचित तथा तर्पित रहता है।उसे ना कुछ खोने का गम होता है और ना ही कुछ पाने की लालसा इसे कहते हैं। भक्ति में बैरागी मन जो अपनी धुन में खोया रहता हो वह सदैव ईश्वर में लीन रहता है। उसका मन सभी जिज्ञासाओं से परे होता है वह ईश्वर में लीन रहता है उसे सांसारिक मोह माया से कोई लेना-देना नहीं होता। ऐसे ही तर्पित मन से संपन्न होते हैं। संत महापुरुष संत महापुरुष इस पृथ्वी लोक पर एक चलते फिरते तीर्थ के सामान होते है। तीर्थ के दर्शन करने के लिए आपको स्वयं चल कर जाना पड़ता है किंतु एक संत के रूप में आपको कभी भी कहीं भी तीर्थ के पावन दर्शन आपके जीवन को पावन कर सकते है। इसलिये भक्तजनों सतगुरु के बताए मार्ग पर चलो वही मार्ग आपको भगवान हरि के द्वारा तक ले जायेगा।संतों में जन्म और मरण नहीं होता वहां सिर्फ निर्वाण और निर्माण होता है। गुरु की भक्ति भक्तों के मन को अर्पित करने के लिए होती है उनके कल्याण के लिए होती है उनके मानव जीवन को सार्थक करने के लिये होती है संत महापुरुषों द्वारा किये जाने वाले सभी कार्यों में भक्तों का हित निहित होता है।