भूकंम्प एवं भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदा हेतु मॉक अभ्यास आयोजित
जिलाधिकारी द्वारा तत्काल बैठक लेते हुए अधिनस्थों को दिए आवश्यक निर्देश
हरिद्वार। जिलाधिकारी कमेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में जनपदस्तर पर भूकंम्प एवं भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदा हेतु मॉक अभ्यास आयोजित किया गया। प्रातः10.30 बजे सूचनादाता द्वारा जनपद में भूकंप की घटना की सूचना आपदा कंट्रोल रूम में प्राप्त होने बाद प्रारम्भ हुआ। सायरन बजाकर आमजन को भूकंप आने की सूचना का प्रसारित की गईं। भूकंप की घटना में अंतरिक्ष सिटी में एक बहुमंजिला भवन के गिरने से मलवे में काफ़ी लोग दब गईं। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना रोशनबाद में बहुमंजिला भवन भूकंप के कारण शार्ट सर्किट के कारण आग लगने की घटना घटित हुई जिसमें 15लोग फंस गए। घटना की सूचना आपदा कंट्रोल रूम द्वारा जिलाधिकारी,एसएसपी आदि उच्चाधिकारियों को गईं। जिलाधिकारी द्वारा तत्काल बैठक लेते हुए आवश्यक निर्देश दिए।सिटी मजिस्ट्रट के नेतृत्व में सभी बिभाग द्वारा मानव संसाधन,उपकरण,रबइ,पोकलेन,ट्रक आदि सहित उपस्थित हुए। जिलाधिकारी ने राहत बचाओ कार्य में सहयोग हेतु अनुरोध किया गया। विभिन्न बिभागों के अधिकारी कर्मचारी की राहत कार्य हेतु टास्क फॉर्स 1 व 2 टीम गठित करते हुए टीम को मय उपकरण सहित घटना स्थल की ओर रवाना किया। राहत बचाओ टीम द्वारा घटना स्थल पर राहत कार्य करते हुए लगभग डेढ़ सौ लोगों को रेस्क्यू किया गया है जिसमें 6 लोगों की मौत हुई थी,गंभीर घायल तीन लोग थी,सामान्य घायल छह लोग थे।इसके अलावा जो दूसरी जगह पीएम आवास योजना की बिल्डिंग थी,बवंडर बिल्डिंग में आग लग गई थी आग लगने की वजह से वहां पर बहुत पैनिक था,आग लगने की वजह से 117 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। चार लोगों की डेथ हुई है तीन लोग गंभीर रूप से घायल थे और पांच लोग सामान्य रूप से घायल थे। जो पीएम आवास योजना के प्रभावित लोग थे उन्हें जीएनएम सेंटर की बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया,जो अतरिक्ष वाले प्रभावित लोगों को सामुदायिक भवन रोशनाबाद में शिफ्ट किया गया। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की सभी टीमों के साथ सभी विभागो के अधिकारी, पुलिस अधिकारी और सीएमओ भी मौजूद थे। सभी लोगों ने मिलकर मॉक ड्रिल संपन्न कराया। सिर्फ एक मॉक ड्रिल है,वास्तविक स्थिति आने पर हम किस प्रकार रिस्पॉन्ड करेंगे। यह उसकी अभ्यास प्रक्रिया है,उसकी वास्तविक ना समझे। जब कोई वास्तविक स्थिति है तो हम लोगों को समय से रेस्क्यू कर सकें ताकि लोगों को लाभ पहुंचा सके।10.26 बजे आपदा कंट्रोल द्वारा घटना की सूचना जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी, प्रभारी अधिकारी एवं अन्य जनपदस्तरीय अधिकारियों को दी गयी।सॉयरन व लाउड हेलर के माध्यम से आवासीय विद्यालय, अस्पताल आदि क्षेत्रों में लोगों को सर्तक किये जाने की कार्यवाही की गयी।10.27 बजे रिस्पॉन्सीबल ऑफिसर,डिप्टी रिस्पॉन्सीबल ऑफिसर इंडीकेट कमांडर, ऑपरेशन चीफ एवं अन्य ईओसी स्टॉफ आपदा कंट्रोल रूम में पहुंचे।रिस्पॉन्सीबल ऑफिसर /जिलाधिकारी आईआरएस सिस्टम के नोडल अधिकारियों के साथ जिला आपात कालीन परिचालन केन्द्र में आपात बैठक आहूत करते हुए राहत-बचाव कार्य के साथ ही अन्य आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।कार्यक्रम का सफल संचालन जिला आपदा अधिकारी मीरा रावत द्वारा किया गया। मॉक अभ्यास में मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे,मुख्य चिकित्सा अधिकारी आर.के.सिंह,परियोजना निदेशक के.एन तिवारी, सिटी मजिस्ट्रेट कुसुम चौहान,एसपी जितेंद्र मेहरा,सचिव एचआरडीए मनीष कुमार सिंह,उप जिलाधिकारी लक्ष्मीराज चौहान,आरटीओ रश्मि पंत,डीडीओ वेद प्रकाश,जिला पूर्ति अधिकारी तेजबल सिंह,सचिव रेडक्रॉस नरेश चौधरी,एनडीआरफ़,एसडीआरएफ,जल पुलिस ,अग्निशमन अधिकारी के क्षेत्र अधिकारी सहित सभी अधिकारी मौजूद थे।