गौसेवा से मिलता है समस्त देवी देवताओं की सेवा का पुण्य-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री


हरिद्वार।श्रीराधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में पीपलेश्वर शिव मंदिर कृष्णानगर कनखल में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के षष्टम् दिवस भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया जब तक भगवान श्री कृष्ण वृंदावन में रहे। तब तक उन्होंनेे चरण पादुका धारण नहीं की।एक बार मैया यशोदा ने कृष्ण से चरण पादुका पहनने को कहा तो कृष्ण ने कहा कि मैया मेरी गौ माता नंगे पैरों चलती है।यदि तुम मेरी गौ माता को भी चरण पादुका पहनाओ तो मैं भी चरण पादुका पहन लूंगा।मैया यशोदा और नंद बाबा के पास नौ लाख गौ माता थी।ना तो मैया यशोदा नौ लाख गौ माता को चरण पादुका पहना पाई और ना ही कन्हैया ने चरण पादुका धारण की।कृष्ण ने हमेशा गौमाता को अपना इष्ट अपना आराध्य मान कर सेवा की। सभी कृष्ण भक्तों को गौ माता की सेवा अवश्य करनी चाहिए। गौ माता के भीतर तेतीश कोटि देवी देवताओं का वास माना जाता है। जिसने अपने जीवन में गौ माता की सेवा कर ली,उसने समस्त देवी देवताओं की सेवा का पुण्य प्राप्त कर लिया। षष्टम दिवस की कथा में शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण का मथुरा जाकर कंस का संहार करना,द्वारिका पुरी की रचना,द्वारिकापुरी में देवी रुक्मणी के संग द्वारिकाधीश भगवान श्रीकृष्ण के विवाह महोत्सव की कथा का भी श्रवण कराया। मुख्य जजमान पंडित प्रकाश जोशी,संतोष अग्रवाल,शांति दर्गन,वीना धवन,राधा अरोड़ा,पिंकी चावला,अमृत वर्षा,मंजू साईं,पूजा वालिया,मीना पाल,दर्शन दर्गन,चंचल अरोड़ा,रश्मि कटारिया,कौशल कटारिया,पंडित गणेश कोठारी,अनिल कटारिया आदि ने भागवत पूजन किया।