मूर्ति विसर्जन के साथ मां सरस्वती पूजनोत्सव एवं महायज्ञ अनुष्ठान संपन्न
हरिद्वार। श्रीअवधूत मंडल आश्रम बाबा हीरादास हनुमान मंदिर के पीठाधीश्वर महंत महामंडलेश्वर स्वामी डॉ संतोषानंद देव महाराज ने कहा कि माँ सरस्वती को विद्या,ज्ञान,संगीत और कला की देवी माना जाता है। वसंत पंचमी के अवसर पर माँ सरस्वती की पूजा करने से बुद्धि,स्मरण शक्ति और सृजनशीलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।यह पर्व विशेष रूप से विद्यार्थियों और कलाकारों के लिए महत्वपूर्ण होता है,जो अपनी पढ़ाई और रचनात्मकता में प्रगति के लिए माँ सरस्वती का आशीर्वाद मांगते हैं। बताते चलें कि मुर्ति विसर्जन के साथ ही पूर्वांचल उत्थान संस्था का पंचम सरस्वती पूजनोत्सव एवं महायज्ञ अनुष्ठान समारोह संपन्न हो गया। सभी भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करने के उपरांत मां शारदे अपने धाम को विदा हो गई। अगले वर्ष बसंत पंचमी पर पुनःमां के आगमन की प्रतीक्षा रहेगी।गौरतलब है कि तीन दिवसीय कार्यक्रम के आखिरी दिन बुधवार को प्रातःकाल स्थापित मां सरस्वती की प्रतिमा की विधिवत पूजा अर्चना के उपरांत हवन अनुष्ठान किया गया। इसके उपरांत ढोल नगाड़े के साथ नाचते गाते हुए भक्तों ने मां शारदे की प्रतिमा को नील धारा ध्यान कुंज में मां गंगा की गोद में विसर्जित किया। इसके पूर्व पूर्वांचल उत्थान संस्था के समस्त सदस्यों ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर बधाई दी। महामंडलेश्वर स्वामी संतोषानंद देव महाराज ने सभी सदस्यों को आशीर्वाद दिया। मूर्ति विसर्जन कार्यक्रम में अध्यक्ष सीए आशुतोष पाण्डेय,महासचिव बीएन राय, काली प्रसाद साह,अमित साही,अबधेश झा,संतोष कुमार,पंभोगेंद्र झा,पं.विनय मिश्रा,सचिन चौधरी ,राजू, कुलदीप,संयोजक रंजीता झा,नीलम राय,प्रियंका राय,रश्मिफूल बदन देवी,अर्चना झा,प्रीति चौधरी ,लव,कुश,कुलदीप सहित अन्य शामिल रहे।