भगवान राम का भजन किया जिसने किया,उसका मानव जीवन सार्थक हो गया
हरिद्वार।श्री सुदर्शन आश्रम अखाड़े में श्रद्वालुओं को संबोधित करते हुए आश्रम के परमाध्यक्ष महंत रघुवीर दास महाराज ने कहा भगवान राम ने माता अहिल्या के मन में बसे भाव देख उनका एक पैर की ठोकर से उद्धार कर भवसागर पार कराकर श्रीहरि के धाम भेज दिया। माता शबरी के मन में बसा भक्ति भाव को देखा उन्हें दर्शन देने खुद चलकर उनकी कुटिया में गये। जिसने भी भगवान राम का भजन किया उसका मानव जीवन सार्थक हो गया। ऐसे ही हैं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम जो भक्तों के मन में बसे श्रद्धा भाव को देखते हैं। भगवान या देवी देवता कभी चढ़ावे को नहीं देखते चढ़ावा तो इसी लोक का बर्ताव है। भगवान तो भक्तों के मन में बसे भक्ति भाव को देखते हैं जिसका जितना सच्चा भक्तिभाव उसे उतनी ही जल्दी भगवान राम की शरण प्राप्त होती है। जो सच्चे मन से माता जानकी भगवान श्रीराम का भजन करता है। उस पर संकट मोचन वीर बजरंगबली हनुमान की कृपा भी बनी रहती है। इस कलयुग में भजन ही कल्याण का मार्ग है जो सच्चे मन से भगवान का भजन करता है। उसके जीवन में कभी धन-धान्य की कमी नहीं रहती उसका लोक एवं परलोक दोनों सुधर जाते हैं।