न्यायाधीशों का दायित्व है कि विवादित मामलों का निस्तारण शीघ्रतापूर्वक करें- न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया


हरिद्वार। उत्तराखंड जजेज संगठन का वार्षिक समारोह देहरादून के दून विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया ने कहा कि न्यायाधीशों को केवल विधिक ज्ञान की आवश्यकता नहीं,बल्कि समाज के सभी पहलुओं को जानने के लिए अन्य विषयों का अध्ययन भी उसी प्रकार से करना चाहिए,जिस प्रकार वह विधि का ज्ञान अर्जित करते हैं। रविवार को आयोजित कार्यक्रम में न्यायमूर्ति धूलिया ने उत्तराखंड के जजेज संगठन को शुभकामनाएं देते हुए न्यायिक अधिकारियों से कहा कि न्यायपालिका के समक्ष वादकारी एक उम्मीद से आते हैं, न्यायाधीशों का दायित्व है कि विवादित मामलों का निस्तारण शीघ्रतापूर्वक करें और विचाराधीन वादों में लंबी तिथियां दिए जाने के दृष्टिकोण को बदलें। उन्होंने विधिवेत्ता अहरोन बराक का जिक्र करते हुए कहा कि न्यायाधीशों का विचारण हर वाद में होता है,इसलिए न्यायाधीशों को अपना न्यायिक दृष्टिकोण विस्तृत रखना चाहिए।इस अवसर पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गुहानाथन नरेंद्र ने कहा कि त्वरित न्याय करना न्यायाधीशों का प्रथम दायित्व है उन्होंने कहा कि न्यायिक अधिकारी न्यायिक  कार्यों को पूर्ण मनोयोग से तभी संपन्न कर सकते हैं जबकि समुचित संसाधन तथा सुविधाएं अनुकूल एवं व्यवस्थित हो।जजेज एसोसिएशन के वार्षिक अधिवेशन में उत्तराखंड उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी ने न्यायपालिका को लोकतंत्र का संरक्षक बताया। उन्होंने न्यायिक स्वतंत्रता की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि न्यायिक अधिकारियों को न्याय के मूल सिद्धांतों को निडरता व ईमानदारी से पालन करना चाहिए।इस अवसर पर उत्तराखंड जजेज एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने न्यायिक अधिकारियों की व्यावहारिक एवं संस्थागत समस्याओं को बताते हुए उनका निराकरण कराए जाने की मांग मंचासीन न्याय मूर्तिगण से की। उन्होंने चतुर्थ शनिवार का अवकाश घोषित किए जाने अथवा सप्ताह में पांच दिवसीय कार्य दिवस किए जाने पर भी जोर दिया। कार्यक्रम का संचालन राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव प्रदीप कुमार मणि ने तथा समापन संगठन के महासचिव राजू कुमार श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करके किया।अधिवेशन में उत्तराखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा,न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल,एवं न्यायमूर्ति आशीष नैथानी तथा देहरादून के जनपद न्यायाधीश प्रेम सिंह खिमाल,उच्च न्यायालय की महा निबंधक श्रीमती कहकशां खान,प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत,प्रमुख सचिव विधायी धनंजय चतुर्वेदी ,राज्यपाल के विधिक सलाहकार अमित कुमार सिरोही तथा सभी जनपदों के जनपद न्यायाधीश एवं न्यायिक अधिकारी गण उपस्थित रहे।