108 शिवजी के नाम,108 कलाकार,108 कैनवस,108 मिनट का बना वर्ल्ड रिकार्ड

महाशिवरात्रि पर महादेव को एक दिव्य और रिकॉर्ड तोड़ कलात्मक भावाजंलि


प्रयागराज। परमार्थ निकेतन शिविर,महाकुम्भ प्रयागराज में महाशिवरात्रि के अवसर पर एक अनूठा और दिव्य‘द शिवा फेस्टिवल’का आयोजन किया,जिसमें 108कलाकारों ने भगवान शिव के अद्भुत स्वरूपों को कैनवस पर उतारा।इस आयोजन में 108शिवजी के नाम,108 कलाकार ,108कैनवस और 108मिनटों के साथ महादेव को एक अभूतपूर्व भावाजंलि अर्पित की।इस समारोह में कला के विभिन्न रूपों के दर्शन हुये। कलाकारों ने भगवान शिव के विभिन रूपों को अपने कैनवास पर उतारा।इन कलाकारों की मेहनत और भक्ति ने परमार्थ निकेतन शिवरात्रि महोत्सव को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया।कला और भक्ति का ये अनोखा संगम एक दिव्य अनुभव है,जो हर दर्शक को भगवान शिव के साथ आत्मिक जुड़ाव का अहसास दिलाता है।’’द शिवा फेस्टिवल’’का मुख्य उद्देश्य भगवान शिव की महिमा का गुणनानुवाद करना तथा भारतीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देना है। इस आयोजन में भगवान शिव के 108नामों का विशेष महत्व है,जिससे शिव जी की असीम शक्ति और भक्ति के दर्शन हुये। कलाकारों ने भगवान शिव के विभिन्न रूपों को अपनी कला के माध्यम से जीवन्त किया और शिव के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा व्यक्त की।कुम्भ प्रयागराज,परमार्थ निकेतन,मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर ,पतंजलि न्यूट्रीला,ललित कला अकादेमी आदि कई संस्थाओं के संयुक्त तत्वावधान में इस महोत्सव को आयोजित किया गया। आयोजकों का उद्देश्य इस फेस्टिवल के माध्यम से भगवान शिव के अद्भुत रूपों और उनकी शक्ति को कला के माध्यम से प्रस्तुत करना है।इस आयोजन में 108कलाकारों ने अपनी कला का अद्वितीय प्रदर्शन किया।प्रत्येक कलाकार ने भगवान शिव के एक या एक से अधिक रूपों को अपने कैनवस पर जीवंत किया।उन्होंने आदियोगी, नटराज ,महाकाल,भोलानाथ,रूद्र,शिव शंकर,आदि को अपने कैनवस पर बनाया।सभी कलाकारों को परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त हुआ।स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने इस अवसर पर कहा,“भगवान शिव के स्वरूप और उनकी भक्ति के प्रति यह श्रद्धांजलि एक अनूठी पहल है। यह आयोजन सभी के लिए एक दिव्य अनुभव है। साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा,कुम्भ अपने आप में आर्ट है।यहां कुम्भ में हम जो भी देख रहे हैं वह प्रभु का आर्ट ही है।“भगवान शिव की भक्ति का वास्तविक रूप यही है कि हम उनके संदेशों को अपने जीवन में धारण करे। इस कला उत्सव के माध्यम से कलाकारों ने भगवान शिव के रूपों को चित्रित कर उनके अद्वितीय अस्तित्व और महत्व को समझने का युवा पीढ़ी को अवसर दिया है।”शांतनु गुप्ता ने कहा कि ’द शिवा फेस्टिवल’’पूज्य स्वामी जी के आशीर्वाद से आयोजित एक अद्भुत और अनोखा आयोजन है। जिसने भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और कला के माध्यम से कलाकारों ने भक्ति को एक नई ऊंचाई दी। यह आयोजन महाशिवरात्रि के इस पवित्र अवसर पर भगवान शिव को एक दिव्य श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक छोटा सा प्रयास है। इस आयोजन में जो कला और श्रद्धा का संगम हुआ,वह न केवल इस समय के लिए,बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बना रहेगा।