लावारिस मिले बालकों को एएचटीयू ने परिजनों से मिलवाया
हरिद्वार। लावारिस भटकते मिले दो बालकों को पुलिस की एंटी हय्मन ट्रैफिकिंग यूनिट ने परिजनों से मिलवा दिया। बालकों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करने और उचित काउंसलिंग तथा विधिक कार्यवाही के बाद कनखल स्थित खुला आश्रय गृह से मुक्तकर परिजनों के सुपुर्द किया गया। बच्चों को सकुशल पाकर परिजनों से पुलिस का आभार जताया है। बालकों में एक नेपाल और एक बिहार का रहने वाला है। नेपाल के रहने वाले 12 वर्षीय बालक बजरंगी के माता पिता का काफी समय पहले देहांत हो गया था। दादा उसका पालन पोषण कर रहे थे। गर्मियों में दादा मन बहादुर गुरूंग के साथ मजदूरी की तलाश में नेपाल से हिमाचल जाते वक्त बजरंगी हरिद्वार बस अड्डे पर बिछुड़ गया था। दादा ने उसे तलाश करने की काफी कोशिश की लेकिन कुछ पता नहीं चला। एएचटीयू ने लावारिस भटकते मिले बालक को संरक्षण में लेकर कनखल स्थित खुला आश्रय गृह में दाखिल कर दिया। बालक से मिली जानकारी के बाद पुलिस ने नेपाल में उसके परिजनों से संपर्क कर उन्हें सूचना दी। करीब छह महीने बाद बालक के चाचा हरिद्वार पहुंचे और पुलिस ने बालक के दादा के आग्रह पर बालक को उसके चाचा आकाश गुरूंग के सुपुर्द कर दिया। इसके अलावा बिहारी के आरा का रहने वाला 15वर्षीय दानिश एक माह पूर्व दिल्ली में रहने वाली अपनी बड़ी बहन के पास जाने के लिए घर से निकला था। लेकिन वह वहा नहीं पहुंच पाया और हरिद्वार पहुंच गया। परिजनों ने उसे काफी तलाश किया।लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल पाया। बालक एएचटीयू को हरिद्वार में लावारिस भटकता मिला। एएचटीयू ने उसे आश्रय गृह में संरक्षण दिलाया और परिजनों को सूचना दी। पते की तस्दीक होने पर बालक की माता का रेल टिकट बुक उन्हें हरिद्वार बुलाया और दानिश को उनकी सुपुर्दगी में दे दिया। दानिश की माता शहजादी ने बताया कि काफी तलाशने के बाद भी बेटे के नहीं मिलने से वे पूरी तरह निराश हो चुकी थी। उन्होंने पुलिस और एएचटीयू टीम का आभार जताया। टीम में हेडकांस्टेबल राकेश कुमार,कांस्टेबल मुकेश कुमार,जयराज भंडारी,दीपकचंद,गीता देवी शामिल रहे।