स्वामी विवेकानंद पर विचार गोष्ठी का आयोजन
हरिद्वार। इंटरनेशनल गुडविल सोसाइटी ऑफ इंडिया,हरिद्वार चैप्टर की बैठक में स्वामी विवेकानंद एक व्यक्त्वि एक कृतित्व विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया। रानीपुर मोड़ स्थित रॉयल प्लाजा काम्प्लेक्स में सम्पन्न गोष्ठी के दौरान सोसाइटी के हरिद्वार चैप्टर की कार्यकारिणी पुर्नगठित कर समाजसेवी जगदीशलाल पाहवा को अध्यक्ष तथा कवि एवं साहित्यकार अरूण कुमार पाठक को महासचिव चुना गया। कार्यकारिणी के अन्य पदाधिकारियों में उद्योगपति डा.महेन्द्र आहूजा तथा प्रमोद शर्मा को उपाध्यक्ष,डा.राधिका नागरथ, कुलदीप खंडेलवाल,दिवाकर गुप्ता तथा प्रवीण अग्रवाल को सह-सचिव के चुना गया। पर्यावरणविद विजय पाल बघेल चैप्टर के संरक्षक होंगे। महासचिव अरुण कुमार पाठक ने बताया कि बैठक में प्रबुद्ध,प्रकाशन,शिक्षा,उद्योग,सांस्कृतिक,स्वास्थ्य,विधि तथा पर्यावरण प्रकोष्ठ भी बनाए गये हैं,जिनके प्रमुखों तथा सदस्यों की घोषण बाद में की जायेगी। इंटरनेशनल गुडविल सोसाइटी ऑफ इंडिया देहरादून चैप्टर के सचिव कुंअरराज अस्थाना केन्द्रीय पर्यवेक्षक के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने संस्था का परिचय दिया तथा कार्यकारिणी के पुनर्गठन की प्रक्रिया से अवगत कराया। अरुण कुमार पाठक ने कार्यक्रम का संचालन किया। विचार गोष्ठी में सभी ने स्वामी विवेकानन्द के व्यक्तित्व व कृतित्व पर अपने विचार रखे। वरिष्ठ पत्रकार, चिन्तक एवं लेखिका डा.राधिका नागरथ ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने किसी एक धर्म की वकालत न करके सभी धर्मों व वेदों की बात की। वे कहते थे कि जिस तरह से सभी नदियाँ सागर में जाकर मिलती हैं,उसी तरह सारे धर्म अंततःआत्मा का मिलन उसी एक परमात्मा से कराते हैं। कुंअर राज अस्थाना ने धर्म को विज्ञान से जोड़ कर युवाओं को शिक्षित करने की बात की। डा.महेन्द्र आहूजा ने स्वामी विवेकानंद के विचारों द्वारा युवाओं में संस्कारों के संप्रेषण की चर्चा की। मुस्कान फाउंडेशन की नेहा मलिक ने स्वामी विवेकानन्द के गुरु समर्पण की शिक्षा को याद किया। आर्य प्रवीण वैदिक ने कहा कि विवेकानन्द ने विश्व में भारत व हिन्दु धर्म को बहुत बड़ी पहचान दिलाई। जगदीश लाल पाहवा ने स्वामी विवेकानन्द के नर सेवा- नारायण सेवा के आह्वान को कार्यान्वित करने को कहा। प्रमोद शर्मा ने स्वामी विवेकानंद द्वारा हिन्दु धर्म को दुनिया में मजबूती के साथ स्थापित करने के लिये उनके योगदान को याद किया। कुलदीप खंडेलवाल ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द का विचार था कि हम अपना मन अपने आराध्य और बुद्धि विश्व और मानवता के कल्याणकारी कार्याे में लगाएं। अम्बरीश रस्तोगी ,दिनेश चौहान,विनय मिश्रा,विजयपाल बघेल,विनोद मित्तल,एच.एन.कटियार,भूपेन्द्र गौड़ आदि ने भी स्वामी विवेकानन्द पर अपने विचार रखे।