शास्त्र संरक्षण से विश्व में होगा सनातन का प्रसार रू स्वामी रामदेव
पतंजलि विश्वविद्यालय में चतुर्थ संस्थागत स्वर्ण श्लाका प्रतियोगिता का शुभारंभ
हम शास्त्रों का अनुसरण करें तो शास्त्र हमारा संरक्षण और संवर्धन करेंगे रू आचार्य बालकृष्ण
हरिद्वार। पतंजलि विश्वविद्यालय में मानविकी एवं प्राच्यविद्या संकाय के अंतर्गत दर्शन एवं संस्कृत विभाग के संयुक्त तत्वावधान में चतुर्थ संस्थागत स्वर्ण श्लाका प्रतियोगिता का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति स्वामी रामदेव ने कहा कि शास्त्रों की परंपरा को आत्मसात कर योग मार्ग,वेद मार्ग,ऋषि मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने यह भी बताया कि व्यक्ति को पुरुषार्थ ज्ञान एवं भक्तियुक्त होना चाहिए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि हम शास्त्रों का अनुसरण करें तो शास्त्र हमारा संरक्षण और संवर्धन करेंगे। शास्त्र स्मरण से सनातन परंपरा के संरक्षण में पतंजलि विश्वविद्यालय अग्रणी भूमिका निभा रहा है।भारतीय संस्कृति और सनातन गौरव शास्त्रों के माध्यम से ही आज तक अक्षुण्ण है।चरित्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण तथा विश्व बंधुत्व और विश्व शांति के लिए शास्त्रों की परंपरा अत्यंत कल्याणकारी है। इस प्रक्रिया में पतंजलि विश्वविद्यालय पूर्ण दृढ़ता और मनोयोग के साथ कार्य कर रहा है। स्वर्ण श्लाका प्रतियोगिता की मुख्य संयोजिका प्रो.साध्वी देवप्रिया ने बताया कि इस प्रतियोगिता में 475छात्र-छात्राएँ भगवद्गीता,षड्दर्शन,उपनिषद,पंचोपदेश और नीतीशतकम,घेरंड संहिता,हठयोग प्रदीपीका आदि शास्त्रों को स्मरणकर प्रतिभाग कर रहे हैं।प्रतियोगिता में विजेताओं को लाखों रुपए के पारितोषिक का प्रावधान किया गया है। कार्यक्रम में प्रति कुलपति डॉ.मयंक अग्रवाल,डॉ.सत्येंद्र मित्तल,डॉ.के.एन.एस.यादव,कविराज डॉ.मनोहर लाल आर्य,डॉ.विजयपाल शास्त्री,कुलानुशासक स्वामी आर्षदेव,भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के मुख्य केंद्रीय प्रभारी स्वामी परमार्थदेव,योग संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो.ओमनारायण तिवारी,संकायाध्यक्ष छात्र कल्याण डॉ.बिपिन दूबे,परीक्षा नियंत्रक डॉ.ए.के.सिंह,उप-कुलसचिव डॉ.निर्विकार,दर्शन विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ.सांवर सिंह, आचार्य बद्रीनाथ बेल्लारी एवं समस्त प्राध्यापकगण और छात्र-छात्राएं आदि की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन संस्कृत विभाग के सहायक आचार्य डॉ.गौतम और संयोजन स्वामी ईशदेव ने किया।