गुरु गोविंद सिंह ने शिक्षा,परंपरा और धर्म का समन्वय करना सिखाया- आचार्य बालकृष्ण
पतंजलि विश्वविद्यालय में गुरुगोविंद सिंह जयंती के उपलक्ष्य में लोहड़ी पर्व का भव्य आयोजन
हरिद्वार। सिक्ख गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती के उपलक्ष्य में पतंजलि विश्वविद्यालय के गुरु गोविंद सिंह चेयर के तत्वावधान में भव्य कार्यक्रम विश्वविद्यालय के मुख्य सभागार में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी का जीवन हमें साहस,त्याग और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।उनकी विद्वता ,विशेष रूप से संस्कृत और धर्मशास्त्र में उनकी गहरी समझ,भारतीय सनातन,संस्कृति और आध्यात्मिक धरोहर को समृद्ध करती है। उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी ने हमें शिक्षा, परंपरा,और धर्म का समन्वय करना सिखाया। ऐसे महान व्यक्तित्व हमारी संस्कृति और सभ्यता की आधारशिला हैं,जो आने वाली पीढ़ियों को मार्गदर्शन देते रहेंगे। सभागार में उपस्थित छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के युवा उनके जीवन से प्रेरणा लेकर शिक्षा और नैतिक मूल्यों को अपनाएं,यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कार्यक्रम के मुख्यवक्ता डॉ.हरप्रीत सिंह,एसो.प्रोफेसर,गुरु अंगददेव वेटेनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी,लुधियाना ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी का जीवन-दर्शन अव्याख्य है। गुरु गोविंद सिंह जी,सत्य,साहस और धर्म की रक्षा के लिए अपने जीवन को समर्पित किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ.कुलवीर सिंह सैनी,प्रोफेसर एग्रोनोमी,पंजाब एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय भी उपस्थित रहे। गुरु गोविंद सिंह चेयर के अध्यक्ष प्रो.(डॉ.)जे.एस.संधु ने गुरु गोविंद सिंह जी के नाम पर स्थापित चेयर के कार्यकलापों और उद्देश्यों को सभागार में उपस्थित लोगों से साझा करते हुए कहा कि जल्द ही इस चेयर के अन्तर्गत पीएचडी शोध कार्य शुरू किये जायेंगे। साथ ही गुरु गोविंद सिंह जी के विचारों और जीवन दर्शन पर गहन विमर्श के लिए समय-समय पर संगोष्ठी और कार्यशाला भी आयोजित किये जायेंगे। इस अवसर पर मानविकी एवं प्राच्य विद्या की संकायध्यक्षा प्रो.(डॉ.) साध्वी देवप्रिया ने मंच पर उपस्थित अतिथियों को अंग वस्त्र भेंटकर स्वागत किया। पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो.मयंक कुमार अग्रवाल ने स्वागत करते हुए कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी का जीवन बहुआयामी था। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन-दर्शन पर अपना विचार मंच से व्यक्त किया। इस अवसर पर शबद-कीर्तन का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अंत में पतंजलि विश्वविद्यालय में आयोजित चतुर्थ संस्थागत स्वर्ण शलाका प्रतियोगिता के अंतर्गत शास्त्र स्मरण में 200से अधिक प्रतिभागी को प्रथम,द्वितीय और तृतीय स्थान के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने लाखों रूपये,मेडल और प्रशस्तिपत्र प्रदान किया। इस प्रतियोगिता में विभिन्न संकायों के 475छात्र-छात्राएं भगवद्गीता,षड्दर्शन,उपनिषद,पंचोपदेश और नीतिशत कम,घेरंड संहिता,हठयोग प्रदीपीका आदि शास्त्रों को स्मरण कर प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में पतंजलि विश्वविद्यालय के मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा निदेशक डॉ.सत्येंद्र मित्तल,भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के मुख्य केंद्रीय प्रभारी स्वामी परमार्थदेव,विश्वविद्यालय के कुलानुशासक स्वामी आर्षदेव ,योग संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो.ओमनारायण तिवारी,परीक्षा नियंत्रक डॉ.ए.के.सिंह,प्राकृतिक चिकित्सा के संकायाध्यक्ष प्रो.तोरण सिंह,संकायाध्यक्ष छात्र कल्याण डॉ.बिपिन दूबे एवं पतंजलि विश्वविद्यालय के समस्त प्राध्यापक और छात्र-छात्राएं सभागार में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का मंच संचालन गुरमीत कौर ने किया।