गुरु के वचन भक्तों के लिए कल्याणकारी तथा भवतारणी है-श्री महंत कमलेशानन्द सरस्वती


हरिद्वार। भूपतवाला पीपल वाली गली स्थित जगदीश कुटीर आश्रम स्वामी माधवानन्द धर्मार्थ ट्रस्ट के तत्वावधान में गुरुदेव ब्रह्मलीन स्वामी माधवानन्द जी महाराज की द्वितीय पुण्यतिथि आश्रम के श्री महंत कैलाशानन्द जी महाराज के सानिध्य में हर्षाेल्लास के साथ मनायी गई। इस मौके पर आयोजित विशाल संत समागम को संबोधित करते हुए श्रीमहंत कैलाशानन्द महाराज ने कहा पूज्य गुरुदेव स्वामी माधवानन्द महाराज इस पृथ्वी लोक पर ज्ञान का एक विशाल सागर थे,उनके ज्ञान की कोई सीमा नहीं थी। उनका दिया हुआ ज्ञान आज भी अखण्ड ज्योति के रूप में हम सब के मन मस्तिष्क में विद्यमान है। पूज्य गुरुदेव ने सिखाया भूखे को रोटी प्यासे को पानी इससे बड़ा ना तो कोई पुण्य है और ना ही कोई दान इसलिये गुरु के बताये मार्ग पर चले। इस अवसर पर बोलते हुए श्री गंगा भक्ति आश्रम के परमाध्यक्ष श्री महंत कमलेशानन्द सरस्वती जी ने कहा गुरु के पावन श्रीमुख से निकलने वाले पावन वचन भक्तों के लियें अति कल्याणकारी तथा गुरु कृपा भवतारिणी होती है। इस संसार में गुरु से बड़ा और सच्चा मार्गदर्शक कोई और हो ही नहीं सकता। सतगुरु ही हमें उंगली पड़कर भवसागर पार कराते हैं। सतगुरु के ज्ञान रूपी प्रकाश में हमारे जीवन का अंधकार दूर हो जाता है और हमारे ज्ञान चक्षु खुल जाते हैं। इस संसार में दो प्रकार की गंगा है एक तो माँ भागीरथी जिन स्नान करने मात्र से मनुष्य के जन्मो जन्म के पाप और संताप नष्ट हो जाते हैं और उसे पुनीत फलों की प्राप्ति होती है दूसरी गंगा इस पृथ्वी लोक पर संतो के श्री मुख से ज्ञान के रूप में बहती है जिसका कानों से श्रवण करने मात्र से यह जीवन धन्य हो जाता है। श्री महंत सत्यव्रतानन्द महाराज ने कहा सतगुरु के बिना हमें सत्य की राह प्राप्त नहीं हो सकती सतगुरु के बिना गति नहीं हो सकती। इस सृष्टि में हमारे सतगुरु हमारे जीवन की धूरी के रूप में विद्यमान सतगुरु ही हमारे मन मस्तिष्क से अंधकार दूर कर उसमें ज्ञान का उदय करते है। इस अवसर पर महामंडलेश्वर चिदविलासानन्द महाराज, महामंडलेश्वर परमानंद  महाराज,महामंडलेश्वर अन्नतानन्द महाराज,महंत कमलेशानन्द सरस्वती,महंत रविदेव वेदांताचार्य, महंत केशवानंद,पंजाबीबाबा सतपाल जी,महंत गुरमल सिंह,महंत परमानंद महाराज स्वामी प्रेमदास महाराज,महंत सुधा योगी,महंत राम योगी,आचार्य राजाराम,महंत बाबा जगजीत सिंह ,महंत धीरेंद्र पुरी,महंत शुक्र गिरी महाराज,कोतवाल कमल मुनि,कोतवाल रमेशानंद देहरादून बाबा श्याम गिरी,महंत हरिदास,परवीन कश्यप,मनोजानन्द सहित भारी संख्या में महंत महामंडलेश्वर संत तथा भक्तगण उपस्थित थे।