‘आधुनिक स्वास्थ्य समस्याओं का प्राकृतिक समाधान’विषय पर संगोेष्ठी का आयोजन

अश्वगंधा की कृषि तकनीक और मूल्य संवर्धन पर विशेष चर्चा


हरिद्वार। राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड,आयुष मंत्रालय,नई दिल्ली और राज्य औषधीय पादप बोर्ड ,देहरादून द्वारा प्रायोजित अश्वगंधा जागरूकता अभियान का आयोजन पतंजलि अनुसंधान संस्थान द्वारा किया गया। यह कार्यक्रम पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज और हॉस्पिटल,हरिद्वार के सहयोग से विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सभागार में आयोजित किया गया। संगोष्ठी में पतंजलि योगपीठ के परमाध्यक्ष स्वामी रामदेव ने अश्वगंधा के औषधीय महत्व के विषय में बताया। उन्होंने अश्वगंधा की कृषि तकनीक और मूल्य संवर्धन पर विशेष चर्चा की। स्वामी जी ने बताया कि पतंजलि अनुसंधान संस्थान के तत्वावधान ने प्राचीन ऋषियों का अनुसरण करते हुए अश्वगंधा पर अनेकों शोध कर गुणकारी औषधियों का निर्माण किया है,जिनका लाभ आज रोगी मानवता को मिल रहा है।संगोष्ठी के मुख्य अतिथि,प्रो.(डॉ.)महेश कुमार दाधिच(मुख्य कार्यकारी अधिकारी,राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड,नई दिल्ली) ने संगोष्ठी के उद्देश्यों और अश्वगंधा की खेती के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। डॉ.निरपेन्द्र चौहान(मुख्य कार्यकारी अधिकारी,उत्तराखंड राज्य औषधीय पादप बोर्ड) ने उत्तराखंड में विभिन्न सरकारी परियोजनाओं पर चर्चा की। डॉ.वेद प्रिया आर्य(एचओडी,पीएचआरडी) ने संगोष्ठी के विषय में विस्तृत जानकारी दी। डॉ.अनुराग वार्ष्णेय (उपाध्यक्ष,पतंजलि अनुसंधान संस्थान) ने स्वागत भाषण में अतिथियों का परिचय दिया। कार्यक्रम में अतिथियों की उपस्थिति में ‘अश्वगंधा’ पुस्तिका का विमोचन किया गया। तकनीकी सत्र-में,डॉ.नरेंद्र बिष्ट ने किसानों को समर्थन देने के लिए राज्य औषधीय पादप बोर्ड की विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताया। डॉ.प्रेम प्रकाश यादव (वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक,औषधीय और प्रक्रिया रसायन विभाग,केंद्रीय औषध अनुसंधान संस्थान ,लखनऊ)ने अश्वगंधा के रासायनिक गुणों और इसके अनुप्रयोगों पर चर्चा की। तकनीकी सत्र -में,डॉ.त्रिप्ता झांग(प्रधान वैज्ञानिक,केंद्रीय औषधीय और सुगंधित पौधे संस्थान) ने अश्वगंधा के उपयोग के बारे में बताया।डॉ.सुमित पुरोहित (वैज्ञानिक प्रभारी,क्षेत्रीय केंद्र पटवाडंगर ,नैनीताल उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद) ने अश्वगंधा की कृषि तकनीकों पर चर्चा की। डॉ.राम शंकर पाठक(वैज्ञानिक-ई,पीएचआरडी,पतंजलि अनुसंधान संस्थान) ने पतंजलि में अश्वगंधा परियोजना के बारे में बताया। डॉ.अनुपम श्रीवास्तव(एमेरिटस वैज्ञानिक और सीकेओ,पतंजलि हर्बल रिसर्च डिवीजन) ने समापन टिप्पणी दी। एक समानांतर पोस्टर सत्र भी आयोजित किया गया,जिसमें विद्वानों द्वारा प्रस्तुत पोस्टरों का मूल्यांकन न्यायाधीशों द्वारा किया गया। प्रतिभागियों को अश्वगंधा पुस्तिका,अश्वगंधा बीजों वाला एक पर्यावरण अनुकूल पेन और संगोष्ठी किट वितरित की गई। इस अवसर पर अश्वगंधा के पौधों का निःशुल्क वितरण भी किया गया।