श्रीकृष्ण ने गीता में जो अर्जुन को उपदेश दिए,उसमें कुछ भी ग्रहण करने पर जीवन सफल होगा
हरिद्वार। भारतमातापुरम भूपतवाला स्थित चिन्मयधाम में गीता जयंती के अवसर पर आयोजित संत समागम में उद्गार व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय संत श्रीचिन्मयानंद बापू महाराज ने कहा भगवान श्री कृष्ण ने गीता में जो अर्जुन को उपदेश दिए थे। अगर मनुष्य उन उपदेशों में से तनिक मात्र भी ग्रहण कर ले तो उसका जीवन धन्य हो जाए। इस पावन नगरी के कदम कदम पर संत महापुरुषों के श्रीमुख से ज्ञान की गंगा बहती है,प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु भक्तजन उस ज्ञान की गंगा में गोते लगाकर अपने मानव जीवन को सार्थक करते हैं। हमारे धर्म ग्रंथ वेद पुराण हमें इस जीवन को सार्थक करने की विधि प्रदान करते हैं जो भी मनुष्य अपने जीवन काल में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन कराता है,उसके जीवन में सुख शांति समृद्धि धन-धान्य की वर्षा होती है। साथ ही उसके पूर्वजों को सद्गति प्राप्त होती है,इस लोक से जाने के बाद भगवान श्री हरि की शरण प्राप्त होती है। हमारे ग्रंथो में लिखा एक शब्द सत्य है भगवान कृपा प्रदान करने वाला है हमें सत्य की राह दिखाने वाला है। हमारे लिए कल्याण के मार्ग खोलने वाला है। साथ ही इस पृथ्वी लोक पर गाय माता साक्षात हम लोगों के बीच हमारे कल्याण हेतु विद्यमान है। गाय माता की सेवा इस संसार में सबसे बड़ी है जो भी सच्चे मन से गांय की सेवा करता है उसे अनेकों यज्ञों का फल प्राप्त होता है। इस अवसर पर बोलते हुए श्री महंत रघुवीर दास महाराज ने कहा संत महापुरुषों के श्री मुख से निकलने वाला एक-एक वचन भक्तों के लिए कल्याणकारी होता है। हमारे धर्म ग्रंथ हमें सत्य की राह पर चलना सीखते हैं तथा इन्हीं पावन ग्रंथ के अध्ययन से मनुष्य जीवन सार्थक हो जाता है। जो भी भक्त अपने घर में अपने गुरु धाम में श्रीराम चरित्र मानस श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन करता है उसे कई वर्षों की तपस्या का फल प्राप्त होता है।