हरिद्वार। अमर हुतात्मा स्वामी श्रद्धानन्द के 99वें बलिदान दिवस पर महर्षि स्वामी देवदयानन्द सरस्वती की 200वीं जयन्ती की पूर्णताः एवं आर्य समाज के स्थापना के 150वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में गुरुकुल का पंतजलि योगपीठ के महामंत्री एवं पतंजली विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने गुरुकुल कांगडी परिसर में स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती के 99वे बलिदान पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में यज्ञ एवं ध्वजा रोहण(कुलपताका) को फहराकर स्वामी श्रद्धानन्द को श्रद्धांजलि समर्पित की। ध्वजारोहण के बाद रविकान्त मलिक,प्रभात सिंह,रोहित वालियान ने अपने उद्बोधन में स्वामी श्रद्धानन्द को महान शिक्षाविद् देशभक्त एवं गुरुकुलीय शिक्षा प्रणाली का उन्नायक बताया। उन्होनें कहा कि इस मिट्टी के कण-कण में स्वामी श्रद्धानन्द का कर्तृत्व विद्यमान है,स्वामी श्रद्धानन्द हमें गुरुकुल भूमि के कण-कण में दिखाई देते है। हिन्दुत्व को बचाने के लिए उनका योगदान अत्यन्त प्रेरणादायी है,जिसकी आज हमें आवश्यकता महसूस होती है।स्वामी श्रद्धानन्द के मूर्ति पर पहुंची,वहां गुरुकुल कागडी फार्मेसी की ओर से श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। गुरुकुल परिसर से स्वामी श्रद्धानन्द चौक तक पैदल चलकर आचार्य बालकृष्ण ने गुरुकुल के मुख्याधिष्ठाता डा.दीनानाथ शर्मा,फार्मेसी के सभी कर्मचारियों,गुरुकुल कांगडी विद्यालय,गुरुकुल इंटर साइंस,ज्वालापुर इण्टर कालेज ज्वालापुर,डा.हरिराम आर्य इण्टर कालेज,गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर के सभी प्राध्यापकों एवं छात्रों के साथ मिलकर स्वामी श्रद्धानन्द को श्रद्धांजलि देकर नमन किया। श्रद्धांजलि सभा के अध्यक्ष योगऋषि स्वामी रामदेव ने स्वामी श्रद्धानन्द एवं गुरुकुल शिक्षा प्रणाली पर अपना वकतव्य देते हुए स्वामी श्रद्धानन्द के प्रारम्भिक जीवन से लेकर महात्मा मुंशीराम एवं स्वामी श्रद्धानन्द बनने तक की जीवन यात्रा को अत्यन्त रोचक एवं सारगर्भित रुप में वाचित किया। उन्होंने कहा कि जिस लार्ड मैकाले की शिक्षा के विरूद्ध स्वामी श्रद्धानन्द ने गुरुकुल शिक्षा प्रणाली का बिगुल बजाया था,आज उसकी प्रासंगिकता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि केवल मेरे जीवन को इस रुप में बदलने का श्रेय अमर हुतात्मा स्वामी श्रद्धानन्द एवं गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को जाता है। स्वामी जी ने अपने गीतों के द्वारा एवं योग प्रदर्शन के द्वारा हजारों की संख्या में विद्यमान जनता को मंत्रमुग्ध कर दिया। उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री डा.प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द का बलिदान देश में हिंदुत्व की रक्षा का परिचायक है। उन्होंने अपना सर्वस्व समर्पित करके गुरुकुल की स्थापना की थी आज उनका संकल्प हमें देश की रक्षा के साथ-साथ मानवीयता का पाठ भी पढाता है। श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता मुख्याध्ष्ठिाता डा.दीनानाथ शर्मा ने करते हुए कहा कि स्वामी श्रद्धानन्द का यह तपोवन हमें त्याग एवं बलिदान की याद दिलाता है स्वामी श्रद्धानन्द ने अपना सर्वस्व समर्पित करके यह स्थान बनाया था हमें सदैव इसकी रक्षा करनी चाहिए,उनके पथ पर चलना चाहिए यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मंच का संचालन कर रहे डा.योगेश शास्त्री ने करते हुए स्वामी रामदेव एवं कैबिनेट मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल से मांग की कि 23दिसम्बर पूरे उत्तराखण्ड के विद्यालयों में स्वामीजी के जीवन चरित्र को समझाकर,दिखाकर एवं पाठ्यक्रम में सम्मिलित कर अनिवार्य रुप से मनाया जाना चाहिए। उन्होंने स्वामी श्रद्धानन्द को भारत रत्न दिये जाने की भी मांग की। गुरुकुल के ब्रह्मचारियों द्वारा धर्मेन्द्र आर्य के निर्देशन में प्रस्तुत गीतों ने सभी को आनन्दित किया। इस अवसर पर स्वामी अग्न्यानंदी पूर्व मेयर मनोज गर्ग,युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष हरिद्वार विक्रम भुल्लर,रविकान्त मलिक,प्रभात सिंह,रोहित वालियान,आशीष चौधरी,अंकित चौहान,विनीत यादव, प्रवीण अग्रवाल,प्रभात आर्य,हाकम सिंह आदि ने भी श्रद्धांजलि समर्पित की। इस अवसर पर फार्मेंसी के व्यवसायाध्यक्ष,गुरुकुल कांगडी के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर वेलफेयर एशोसिएशन के अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा मंत्री योगेश सिंह एवं कोषाध्यक्ष दिनेश कुमार ने भी स्वामी श्रद्धानन्द के बलिदान पर पर श्रद्धांजलि समर्पित की। गुरुकुल के प्रधानाचार्य डा.विजेन्द्र शास्त्री ने सभी का धन्यवाद किया। इस अवसर पर गुरुकुल कांगडी विद्यालय के समस्त शिक्षक एवं शिक्षकेत्तरगण सभी कर्मचारी आवटित हुए अपने-अपने कार्याे को करते हुए कार्यक्रम में उपस्थित होकर स्वामी श्रद्धानन्द को नमन करते हुए उनके 99वंे बलिदान पर्व पर श्रद्धांजलि समर्पित कर रहे थे। कार्यक्रम का संचालन डा.योगेश शास्त्री ने किया।