संतो ने बैठक कर बांग्लादेश में हिन्दुओं के नरसंहार,अत्याचार पर जताया आक्रोश
हमारी संस्कृति में विभिन्न मत पंथ संप्रदाय एवं संस्कृतियों के लोगों के बीच सामंजस्य और एकता की भावना है
हरिद्वार। विश्व हिन्दू परिषद उत्तराखण्ड के तत्वावधान में प्रांतीय मार्ग दर्शक मण्डल की बैठक को स्वामी नारायण मंदिर भूपतवाला में आयोजित किया गया। संत सम्मेलन की अध्यक्षता बाबा हठयोगी महाराज ने की। श्रीराम मंदिर तीर्थक्षेत्र अयोध्या महामंत्री तथा अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष विश्व हिन्दू परिषद चंपत राय ने संत सम्मेलन की प्रस्तावना को संतो के समक्ष प्रस्तुत किया। विश्व हिन्दू परिषद प्रांतीय मार्गदर्शक मंडल की प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए चंपत राय ने कहा कि भारतीय समाज के पाश्चात्य संस्कृति को आत्मसात करने से हमारी पारंपरिक मूल्यों, रीति -रिवाजों और सांस्कृतिक विरासत को खतरा हो रहा है। भारतीय संस्कृति की विशेषता इसकी विविधता,सहिष्णुता और समृद्धि है। हमारी संस्कृति में विभिन्न मत पंथ संप्रदाय एवं संस्कृतियों के लोगों के बीच सामंजस्य और एकता की भावना है। हमें युवाओं को संस्कृति और परंपराओं के विषय में शिक्षित करना होगा ताकि वह अपनी संस्कृति को समझें और उसका सम्मान करें। भारत में संतों का विशेष प्रभाव ऐतिहासिक और सांस्कृतिक वास्तविकता है। संतों की वाणी और उनके द्वारा दिए गए संदेशों पर लोगों का विश्वास और समर्थन होना बेहद महत्वपूर्ण पहलू है। विश्व हिन्दू परिषद भी समाज महत्वपूर्ण योगदान करता है किंतु संत हिन्दू समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में जनसंख्या असंतुलन और भौगोलिक परिवर्तन एक गंभीर समस्या है। यह समस्या न केवल स्थानीय पारिस्थितिकी और भूगोल को प्रभावित कर रही है,बल्कि यह भारतीय सीमाओं की सुरक्षा को भी खतरे में डाल रही है। लव जिहाद,लैंड जिहाद और मजार जिहाद जैसी गतिविधियों के कारण क्षेत्र में असुरक्षा की भावना बढ़ रही हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में पलायन बढ़ रहा है,जिससे स्थानीय संस्कृति और परंपराओं पर भी खतरा मंडरा रहा है। साध्वी राधा गिरी ने कहा कि पुण्य पवित्र मां गंगा के किनारों पर नशे का व्यापार बढ़ता जा रहा है। संतों के वेश में मुसलमानों द्वारा अपराध करने से समाज का संतों पर विश्वास भी कम हो रहा है। यह समस्या न केवल धार्मिक और सामाजिक है,बल्कि यह एक गंभीर अपराधिक समस्या भी है। विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक दिनेश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करे।जिस प्रकार सोची समझी साजिश के तहत हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है,उसे हिन्दू समाज इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। डॉ शैलेन्द्र जी प्रांत प्रचारक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ उत्तराखण्ड ने विश्व हिन्दू परिषद के प्रांतीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में उत्तराखण्ड में हिंदू समाज पर बोलते हुए कहा कि पुरोला,नैनबाग,डुंडा,घाट चमोली,गोचर आदि घटनाओं से सबक लेते हुए सफलता की और कदम बढ़ाए हैं,वस्तुतरू हम परिणाम की और अग्रसर हैं। अब उत्तराखण्ड में परिस्थितियां ठीक हो रही हैं। उत्तराखण्ड में किसी भी मजार के नीचे शरीर के अवशेष प्राप्त नहीं हुए हैं,यह मजार जिहाद का ही परिणाम था। विश्व हिन्दू परिषद के प्रांतीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में सभी संतो ने बांग्लादेश में हिन्दुओं के नरसंहार,अत्याचार पर आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि हम आहवान करते हैं कि हिंदू समाज को सड़कों पर एकत्र आकर संगठित होकर आवाज उठानी चाहिए,ऐसी हुंकार जो बांग्लादेश तक सुनाई दे। संत समाज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मांग करता है कि इस मामले को गंभीरता से लेकर बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। विहिप के प्रांत अध्यक्ष रविदेव आनंद ने बैठक में पधारे सभी संतो के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रांतीय मार्गदर्शक मंडल बैठक का मंच संचालन अशोक तिवारी केंद्रीय मंत्री धर्माचार्य संपर्क प्रमुख ने किया। विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आयोजित प्रांतीय मार्गदर्शक मंडल उत्तराखण्ड की बैठक में विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक दिनेश कुमार,श्रीमहंत देवानंद सरस्वती,महामंडलेश्वर रुपेंद्रप्रकाश,श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज,महामंडलेश्वर मैत्रेई गिरी महाराज,हेमानंद सरस्वती,ज्ञान प्रेमानंद महाराज,स्वामी ऋषिश्वरानंद,सुतिक्षण मुनि,महंत दिनेश दास, स्वामी ज्योतिर्मयानंद,साध्वी समर्पिता,अजय कुमार प्रांत संगठन मंत्री विहिप उत्तराखण्ड,प्रांत मंत्री विहिप धीरेन्द्र शर्मा,प्रांत धर्माचार्य संपर्क प्रमुख विहिप दिलीप मिश्रा,नितिन गौतम अध्यक्ष गंगा सभा,जिलाध्यक्ष विहिप बलराम कपूर,अमित कुमार संगठन मंत्री,दीपक तालियांन आदि उपस्थित रहे।