सनातन धर्म विश्व के हर कोने में पहुचाने का कार्य करेगा गुरु गोरखनाथ अलख अखाड़ा
हरिद्वार। कनखल हरिद्वार में अटल अखाड़े में श्रीगुरु गोरखनाथ अलख अखाड़ा का द्वितीय महामंडलेश्वर पट्टाभिषेक कार्यक्रम अपने पदाधिकारी तथा महामंडलेश्वरो की गरिमामय उपस्थित के बीच पट्टाभिषेक कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर बोलते हुए अखाड़े के अध्यक्ष संजीव नाथ महाराज ने कहा गुरु श्रीगोरखनाथ अलख अखाड़ा सरकार द्वारा संपूर्ण विश्व में सनातन परम्परा का प्रचार प्रसार करते हुए सनातन को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचने का कार्य करेगा तथा धर्म की अलख जगायेगा। गुरु श्रीगोरखनाथ अलख अखाड़े की स्थापना पुनः भारतीय प्राचीन संस्कृति सभ्यता और संस्कारों को स्थापित करने हेतु साथ ही संपूर्ण विश्व में धर्म की अलख जगाने हेतु किया गया है। अखाड़े का निर्माण कार्य गतिमान है विश्व के कोने -कोने से संत महापुरुष अखाड़े से जुड़ने हेतु आतुर है। अनेकों संत महापुरुष अखाड़े की सदस्यता प्राप्त कर चुके हैं। अखाड़ा धर्म एवं संस्कृति की स्थापना हेतु निरंतर कार्य करता चला जा रहा है। इस सृष्टि के प्रथम नाथ भगवान भोलेनाथ तथा गुरु गोरखनाथ जी के बताये पथ पर चलते हुए अखाड़ा भारतीय धर्म सनातन संस्कृति के उत्थान हेतु कार्य करेगा। युवा पीढ़ी निरंतर नशाखोरी तथा संस्कार विहीन जीवन जी रही है उनके मस्तिष्क में संस्कार नाम की कोई चीज नहीं है,पश्चात संस्कृति ने उनके मन मस्तिष्क पर कब्जा कर लिया है और वह अपने पतन की ओर बढ़ रहे हैं,किंतु अखाड़ा पुनःधर्म संस्कृत तथा संस्कारो का पाठ पढ़ायेगा। भारत की संस्कृति यहां की कला यहां की सभ्यता यहां के आचार विचार और हमारी ईश्वर के प्रति आस्था को आज संपूर्ण विश्व अपनाने हेतु आतुर है। जो भारतीय संस्कृति और सभ्यता को और संस्कारों को नहीं अपनायेगा वह खुद अपने दुष्कर्मों से अपनी दुर्गति को प्राप्त होगा। अखाड़े द्वारा आज अनिल नाथ महाराज,श्री शंकर नाथ महाराज को महामंडलेश्वर पद पर विभूषित किया गया। इस अवसर पर श्री भरतनाथ महाराज ने कहा गुरु गोरखनाथ अलख अखाड़ा श्रीगुरु गोरखनाथ जी महाराज के बताये मार्ग पर चलते हुए समाज व देश कल्याण के लिये धर्म की अलख जगायेगे। सनातन संस्कृति और धर्म का प्रचार प्रसार कर अपने संस्कारों में अपनी संस्कृति में सभी को वापस आने के लिये प्रेरित करेंगे। इस अवसर पर पट्टाभिषेक हुए महामंडलेश्वर अनिल नाथ महाराज ने कहा संत ऋषि मुनि गुरुजनों की संगत मनुष्य को कल्याण का मार्ग दिखाकर भवसागर पार कर देती है। इस कलयुग में गुरु साक्षात परमात्मा का स्वरूप है उनके बिना ना तो मनुष्य का कल्याण संभव है और सद्गति संभव है। पट्टाभिषेक हुए महामंडलेश्वर गुरु शंकरनाथ महाराज ने कहा भगवान का भजन और साधु संतों की संगत भव तारिणी है,कुछ पल किया गया हरि का सिमरन मनुष्य का लोक एवं परलोक दोनों सुधार देता है। अखाड़ा आने वाले समय में धर्म एवं संस्कृति के क्षेत्र में नया विश्व स्तरीय कीर्तिमान स्थापित करेगा। विश्वभर में त्याग तपस्या धर्म एवं संस्कृति के क्षेत्र में एक अलग पहचान बनायेगा। इस अवसर पर महामंडलेश्वर अनिलनाथ महाराज,महामंडलेश्वर गुरु शंकरनाथ महाराज,महामंडलेश्वर गुरु भरतनाथ महाराज,अंकितनाथ महाराज,शंकरनाथ महाराज ,गुरु भरतनाथ महाराज,कमलेशनाथ महाराज,गीतानाथ महाराज,सरवननाथ महाराज,कोतवाल कालीचरण महाराज सहित भारी संख्या में संत महापुरुष उपस्थित थे। सभी ने नये बनाये गये अनिलनाथ महाराज व श्रीगुरु शंकरनाथ महाराज को महामंडलेश्वर बनने पर शुभकामनाएं प्रेषित की।