जिन्हें गंगा में नहाने से ठंड लगती हो,उन्हें गंगा पर राजनीति का नहीं है अधिकार-स्वामी ललितानंद गिरि

 मातृसदन के संत का गंगा में खनन बंद करने की मांग को लेकर आंदोलन जारी

हरिद्वार। गंगा में खनन को लेकर अब संत भी समर्थन और विरोध में नजर आने लगे है,यही वजह है कि गंगा में खनन को बंद करने की मांग को लेकर एक ओर जहां मातृसदन में संत द्वारा अनशन किया जा रहा है,वही दूसरी ओर निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी जी महाराज ने मीडिया से बात करते हुए गंगा नदी में सफाई और सिल्ट हटाने की आवश्यकता को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। खास बात यह है कि गंगा में सफाई और सिल्ट हटाने सम्बन्धी महामण्डलेश्वर के बातों को सरकारी सूचना विभाग की ओर से भी प्रेस विज्ञप्ति जारी किया गया है। निरंजनी अखाडे में मीडिया से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि गंगा में हर वर्ष सिल्ट जमा हो जाती है और उसकी सफाई न होने से बाढ़ जैसी आपदा का सामना करना पड़ता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि गंगा की सफाई पर राजनीति नहीं होनी चाहिए और इस पवित्र नदी के संरक्षण के लिए सभी को एकजुट होना चाहिए। स्वामी ललितानंद गिरी ने तंज कसते हुए कहा कि जो लोग गंगा की सफाई पर राजनीति कर रहे हैं,वे गंगा में स्नान भी नहीं करते क्योंकि उन्हें ठंड लगती है। जबकि हम साधु-संत सालभर गंगा में स्नान करते हैं और इसके महत्व को जानते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि गंगा नदी की सफाई और संरक्षण न केवल पर्यावरणीय संतुलन के लिए आवश्यक है,बल्कि यह धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत पवित्र कार्य है। महामंडलेश्वर ने बिना किसी का नाम लिए यह भी कहा कि साधु-संतों का कर्तव्य है कि वे राजनीति से दूर रहकर परमात्मा की तपस्या करें और जनता को सही दिशा दिखाएं। उन्होंने यह भी कहा कि निजी स्वार्थों के चलते राज्य सरकार पर अनावश्यक आरोप लगाना उचित नहीं है। स्वामी ललितानंद गिरी ने इस बात पर जोर दिया कि गंगा की सफाई एक सामूहिक जिम्मेदारी है,और इसमें सभी का योगदान आवश्यक है। उन्होंने यह भी अपील की कि गंगा नदी को बचाने के लिए उठाए गए कदमों को समर्थन दें और किसी भी प्रकार की राजनीति से इस पवित्र कार्य को दूर रखें।