हरिद्वार। श्रीरामानन्दीय श्रीवैष्णव मंडल के तत्वावधान में शनिवार को उछाली आश्रम में गोलोक वासी महंत गोविंददास की आत्मा की शांति के लिए श्रंद्धाजलि सभा एवं षोड़शी भंडारे का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मौजूद संतों ने गोलोकवासी श्रद्धा भक्ति आश्रम के महंत गोविंद दास महाराज को अपनी श्रंद्धाजलि दी। साथ ही संत समाज की एकजुटता पर जोर दिया। इस मौके पर विष्णु दास महाराज ने कहा कि एकाकी जीवन के चलते गोविंद दास महाराज को असमय काल का ग्रास बनना पड़ा। संपत्ति के लालच में अराजक तत्वों ने उनकी हत्या कर दी। ऐसे में अकेले रहने वाले सभी संतों से अपील करते है कि समाज से जुड़कर रहें और बाहर जाने पर अपने समाज को सूचित करें। ताकि समय रहते उचित कार्रवाई अमल में लाई जा सके। उन्होंने कहा कि महंत गोविंद दास की घटना से लोगों को सबक लेना होगा। भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सभी लोगों को मिलकर सकारात्मक कदम उठाना होगा। श्रंद्धाजलि सभा को संबोधित करते हुए श्रीध्रुव चेरिटेबल ट्रस्ट हॉस्पिटल के महंत बाबा बालक दास महाराज ने कहा कि संतों की संपत्ति पर संत का ही अधिकार होता है। ऐसे में महंत गोविंद दास की संपत्ति का वारिस उनके छोटे गुरु भाई महंत भरतदास शिष्य विशंभर दास,चरोड़ा आश्रम खंडेला रूरल सीकर,राजस्थान को बनाया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि महंत भरतदास महाराज ने अपने गुरु भाई महंत गोविंद दास की आत्मा की शांति के लिए पूर्ण विधि विधान से शांति कर्म,श्रंद्धाजलि एवं भंडारे का आयोजन संपन्न कराया है। इस अवसर पर महंत दयालदास महाराज,महंत राममनोहर दास महाराज ,महंत प्रेमदास महाराज,महंत कमल किशोर दास महाराज,उछाली आश्रम के अध्यक्ष महंत विष्णुदास महाराज,महंत दुर्गादास महाराज,महंत रविदेव शास्त्री सहित अन्य गणमान्य संत महंत मौजूद रहें। कार्यक्रम की अध्यक्षता महंत अयोध्याचार्य महाराज और संचालन विष्णुदास महाराज ने किया।
संतों की संपत्ति पर संत का ही अधिकार-बाबा बालकदास
हरिद्वार। श्रीरामानन्दीय श्रीवैष्णव मंडल के तत्वावधान में शनिवार को उछाली आश्रम में गोलोक वासी महंत गोविंददास की आत्मा की शांति के लिए श्रंद्धाजलि सभा एवं षोड़शी भंडारे का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मौजूद संतों ने गोलोकवासी श्रद्धा भक्ति आश्रम के महंत गोविंद दास महाराज को अपनी श्रंद्धाजलि दी। साथ ही संत समाज की एकजुटता पर जोर दिया। इस मौके पर विष्णु दास महाराज ने कहा कि एकाकी जीवन के चलते गोविंद दास महाराज को असमय काल का ग्रास बनना पड़ा। संपत्ति के लालच में अराजक तत्वों ने उनकी हत्या कर दी। ऐसे में अकेले रहने वाले सभी संतों से अपील करते है कि समाज से जुड़कर रहें और बाहर जाने पर अपने समाज को सूचित करें। ताकि समय रहते उचित कार्रवाई अमल में लाई जा सके। उन्होंने कहा कि महंत गोविंद दास की घटना से लोगों को सबक लेना होगा। भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सभी लोगों को मिलकर सकारात्मक कदम उठाना होगा। श्रंद्धाजलि सभा को संबोधित करते हुए श्रीध्रुव चेरिटेबल ट्रस्ट हॉस्पिटल के महंत बाबा बालक दास महाराज ने कहा कि संतों की संपत्ति पर संत का ही अधिकार होता है। ऐसे में महंत गोविंद दास की संपत्ति का वारिस उनके छोटे गुरु भाई महंत भरतदास शिष्य विशंभर दास,चरोड़ा आश्रम खंडेला रूरल सीकर,राजस्थान को बनाया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि महंत भरतदास महाराज ने अपने गुरु भाई महंत गोविंद दास की आत्मा की शांति के लिए पूर्ण विधि विधान से शांति कर्म,श्रंद्धाजलि एवं भंडारे का आयोजन संपन्न कराया है। इस अवसर पर महंत दयालदास महाराज,महंत राममनोहर दास महाराज ,महंत प्रेमदास महाराज,महंत कमल किशोर दास महाराज,उछाली आश्रम के अध्यक्ष महंत विष्णुदास महाराज,महंत दुर्गादास महाराज,महंत रविदेव शास्त्री सहित अन्य गणमान्य संत महंत मौजूद रहें। कार्यक्रम की अध्यक्षता महंत अयोध्याचार्य महाराज और संचालन विष्णुदास महाराज ने किया।