हरिद्वार। अखिल भारतीय वैष्णों अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री बाबा हठयोगी ने प्रयागराज महाकुंभ में मेला प्रशासन के साथ बैठक के दौरान अखिल भारतीय वैष्णों अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज के साथ हुई घटना की निंदा करते हुए कहा कि महाकुंभ मेला सनातन धर्म का सबसे बड़ा पर्व है। प्रयागराज महाकुंभ के दौरान प्रशासन के साथ बैठक के दौरान एक प्रतिष्ठित संत के साथ हुई घटना पर किसी भी संत महंत ने आज तक एक शब्द नहीं कहा। तमाम संत महंत सनातन धर्म को लेकर बड़ी बड़ी बातें करते हैं। लेकिन श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज के साथ हुई घटना पर चुप्पी साधे हुए हैं। संतों के बीच हुई घटना से सनातन धर्म की प्रतिष्ठा को आघात लगा है। धर्म की रक्षा करना संतों की जिम्मेदारी है। संतों के बीच हुई यह घटना निंदनीय है। संत समाज को इस पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और सभी अखाड़ों को एकजुट होकर इसका विरोध करना चाहिए। संत समाज की एकजुटता से ही सनातन धर्म को मजबूत किया जा सकता है। बाबा हठयोगी ने कहा कि अखिल भारतीय वैष्णों अखाड़ा परिषद संतों और धर्म की रक्षा के लिए बढ़चढ़ कर कार्य करेगी। संतों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी दिनेश दास,स्वामी आत्मयोगी भी मौजूद रहे।
श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज के साथ हुई घटना पर चुप्पी तोड़े संत समाज--बाबा हठयोगी
हरिद्वार। अखिल भारतीय वैष्णों अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री बाबा हठयोगी ने प्रयागराज महाकुंभ में मेला प्रशासन के साथ बैठक के दौरान अखिल भारतीय वैष्णों अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज के साथ हुई घटना की निंदा करते हुए कहा कि महाकुंभ मेला सनातन धर्म का सबसे बड़ा पर्व है। प्रयागराज महाकुंभ के दौरान प्रशासन के साथ बैठक के दौरान एक प्रतिष्ठित संत के साथ हुई घटना पर किसी भी संत महंत ने आज तक एक शब्द नहीं कहा। तमाम संत महंत सनातन धर्म को लेकर बड़ी बड़ी बातें करते हैं। लेकिन श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज के साथ हुई घटना पर चुप्पी साधे हुए हैं। संतों के बीच हुई घटना से सनातन धर्म की प्रतिष्ठा को आघात लगा है। धर्म की रक्षा करना संतों की जिम्मेदारी है। संतों के बीच हुई यह घटना निंदनीय है। संत समाज को इस पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और सभी अखाड़ों को एकजुट होकर इसका विरोध करना चाहिए। संत समाज की एकजुटता से ही सनातन धर्म को मजबूत किया जा सकता है। बाबा हठयोगी ने कहा कि अखिल भारतीय वैष्णों अखाड़ा परिषद संतों और धर्म की रक्षा के लिए बढ़चढ़ कर कार्य करेगी। संतों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी दिनेश दास,स्वामी आत्मयोगी भी मौजूद रहे।