हरिद्वार। सड़क किनारे अधजला शव मिलने का खुलासा करते हुए थाना श्यामपुर पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने हत्याकर मृतक की पहचान छिपाने के लिए शव पर शराब छिड़ककर आग लगा दी थी। आरोपियों के कब्जे से मृतक का आधार कार्ड, उससे छिनी गयी नकदी और घटना में प्रयुक्त बाइक बरामद हुई है। बीती 3नवम्बर को थाना श्यामपुर क्षेत्र में उमेश्वर धाम के सामने हाईवे किनारे एक युवक अधजला शव बरामद हुआ था। जिसकी पहचान गोपाल पुत्र शंकरलाल निवासी महमूद खान सराय जनपद सम्भल उ.प्र. हाल निवासी ग्राम कांगड़ी थाना श्यामपुर के रूप में हुई थी। मृतक के भाई की तहरीर पर हत्या का मुकद्मा दर्ज करने के बाद जांच पड़ताल में जुटी पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर रविन्द्र पुत्र स्व.ओमप्रकाश व मोहित पुत्र प्रभुदयाल निवासी ग्राम कांगडी थाना श्यामपुर को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने मृतक गोपाल के साथ शराब पीने और नशा ज्यादा होने पर मृतक की हत्या करने की बात स्वीकार करते हुए शराब ठेके के बराबर में खोका लगाकर नमकीन,सोडा आदि छुटपुट सामान बेचने वाले राजन के भी हत्या में शामिल होने की बात कही। लेकिन पुलिस की जांच में हत्या में राजन की कोई भूमिका सामने नहीं आयी। सीओ सिटी जुही मनराल ने बताया कि मृतक गोपाल की उसकी पत्नी से अनबन होने के कारण वह कई कई महीनो बाद अपने घर जाता था। इस कारण उसकी पत्नी घर की जरूरत के हिसाब से परचून की दुकान चलाने वाले रविंद्र से सामान लेती थी जिसका कुछ रुपया बकाया था। जिस कारण रविंद्र अक्सर गोपाल की पत्नी को टोकता था। हत्या के दिन गोपाल के पास पांच सौ के नोटों के रूप में लगभग 18 से 20 हजार की नगदी थी। नशा होने पर जब मृतक गोपाल ने रविंद्र और मोहित को उसकी पत्नी को टोके जाने पर गालियां दीं तो गुस्से और नगदी के लालच में दोनों ने गोपाल को ठिकाने लगाने की योजना बनाई और सुबह से शाम तक कुछ कुछ घंटों के अंतराल में उसके साथ बैठकर शराब पी। रात को लगभग 10ः30बजे जब तीनों शराब पी रहे थे तो गोपाल ने फिर से उन्हें गालियां दी। मौका देखकर रविंद्र ने पहले गोपाल को मुख्य सड़क से धक्का देकर नीचे झाड़ियों के पास गिराया और दोनों ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। उसके पैसे और आधार कार्ड भी चुरा लिया और पहचान मिटाने के लिए शव पर शराब छिड़ककर आग लगा दी और फरार हो गए। खोखा संचालक राजन की आर्थिक स्थिति कुछ ठीक होने के चलते जमानत कराने में आसानी होगी। इसलिए उन्होंने उसे भी फंसाने का प्रयास किया। पुलिस टीम में सीओ सिटी जूही मनराल,थानाध्यक्ष नितेश शर्मा,चंडीघाट चौकी प्रभारी एसआई विक्रम सिंह बिष्ट,एसआई अंजना चौहान,एएसआई इरशाद,एएसआई रणजीत चौहान,हेडकांस्टेबल अनिल कुमार,कांस्टेबल सुशील चौहान,राजेंद्र नेगी,रमेश सिंह,अनिल रावत व सीआईयू कांस्टेबल वसीम शामिल रहे।
श्यामपुर पुलिस ने किया गोपाल हत्याकांड का खुलासा
हरिद्वार। सड़क किनारे अधजला शव मिलने का खुलासा करते हुए थाना श्यामपुर पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने हत्याकर मृतक की पहचान छिपाने के लिए शव पर शराब छिड़ककर आग लगा दी थी। आरोपियों के कब्जे से मृतक का आधार कार्ड, उससे छिनी गयी नकदी और घटना में प्रयुक्त बाइक बरामद हुई है। बीती 3नवम्बर को थाना श्यामपुर क्षेत्र में उमेश्वर धाम के सामने हाईवे किनारे एक युवक अधजला शव बरामद हुआ था। जिसकी पहचान गोपाल पुत्र शंकरलाल निवासी महमूद खान सराय जनपद सम्भल उ.प्र. हाल निवासी ग्राम कांगड़ी थाना श्यामपुर के रूप में हुई थी। मृतक के भाई की तहरीर पर हत्या का मुकद्मा दर्ज करने के बाद जांच पड़ताल में जुटी पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर रविन्द्र पुत्र स्व.ओमप्रकाश व मोहित पुत्र प्रभुदयाल निवासी ग्राम कांगडी थाना श्यामपुर को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने मृतक गोपाल के साथ शराब पीने और नशा ज्यादा होने पर मृतक की हत्या करने की बात स्वीकार करते हुए शराब ठेके के बराबर में खोका लगाकर नमकीन,सोडा आदि छुटपुट सामान बेचने वाले राजन के भी हत्या में शामिल होने की बात कही। लेकिन पुलिस की जांच में हत्या में राजन की कोई भूमिका सामने नहीं आयी। सीओ सिटी जुही मनराल ने बताया कि मृतक गोपाल की उसकी पत्नी से अनबन होने के कारण वह कई कई महीनो बाद अपने घर जाता था। इस कारण उसकी पत्नी घर की जरूरत के हिसाब से परचून की दुकान चलाने वाले रविंद्र से सामान लेती थी जिसका कुछ रुपया बकाया था। जिस कारण रविंद्र अक्सर गोपाल की पत्नी को टोकता था। हत्या के दिन गोपाल के पास पांच सौ के नोटों के रूप में लगभग 18 से 20 हजार की नगदी थी। नशा होने पर जब मृतक गोपाल ने रविंद्र और मोहित को उसकी पत्नी को टोके जाने पर गालियां दीं तो गुस्से और नगदी के लालच में दोनों ने गोपाल को ठिकाने लगाने की योजना बनाई और सुबह से शाम तक कुछ कुछ घंटों के अंतराल में उसके साथ बैठकर शराब पी। रात को लगभग 10ः30बजे जब तीनों शराब पी रहे थे तो गोपाल ने फिर से उन्हें गालियां दी। मौका देखकर रविंद्र ने पहले गोपाल को मुख्य सड़क से धक्का देकर नीचे झाड़ियों के पास गिराया और दोनों ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। उसके पैसे और आधार कार्ड भी चुरा लिया और पहचान मिटाने के लिए शव पर शराब छिड़ककर आग लगा दी और फरार हो गए। खोखा संचालक राजन की आर्थिक स्थिति कुछ ठीक होने के चलते जमानत कराने में आसानी होगी। इसलिए उन्होंने उसे भी फंसाने का प्रयास किया। पुलिस टीम में सीओ सिटी जूही मनराल,थानाध्यक्ष नितेश शर्मा,चंडीघाट चौकी प्रभारी एसआई विक्रम सिंह बिष्ट,एसआई अंजना चौहान,एएसआई इरशाद,एएसआई रणजीत चौहान,हेडकांस्टेबल अनिल कुमार,कांस्टेबल सुशील चौहान,राजेंद्र नेगी,रमेश सिंह,अनिल रावत व सीआईयू कांस्टेबल वसीम शामिल रहे।