हरिद्वार। ब्रह्मलीन स्वामी लक्ष्मण दास,माता रामबाई रामऋषि एवं माता केसर देवी की पुण्यतिथि पर सभी अखाड़ों के संत महापुरुषों ने उनका भावपूर्ण स्मरण करते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रवणनाथ नगर स्थित रामनिवास आश्रम में आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी दिनेश दास के संयोजन में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह की अध्यक्षता करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि ब्रह्मलीन माता रामबाई रामऋषि,माता केसर देवी एवं स्वामी लक्ष्मण दास ने सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में अभूतपूर्व योगदान दिया। सभी को उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी ने कहा कि गरीब,जरूरतमंद की सेवा और मानव कल्याण सनातन धर्म का मूलमंत्र है। ब्रह्मलीन स्वामी लक्ष्मण दास,माता रामबाई रामऋषि एवं माता केसर देवी द्वारा शुरू की गयी सेवा परंपरा को स्वामी दिनेश दास निरंतर आगे बढ़ा रहे हैं। जो सभी के लिए प्रेरणादायी है। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर धर्म व अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर करना ही संत समाज का उद्देश्य है। संत समाज अपने इस दायित्व को निभाते हुए विभिन्न सेवा प्रकल्पों के माध्यम से मानव कल्याण में भी अपना योगदान कर रहा है। गो गंगा धाम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी निर्मल दास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन माता रामबाई रामऋषि,माता केसरी देवी एवं स्वामी लक्ष्मण दास त्याग एवं तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे। उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव सेवा का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। स्वामी दिनेश दास महाराज,स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी हरिहरानंद महाराज ने सभी संत महापुरूषों का फूल माला पहनाकर स्वागत करते हुए कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी लक्ष्मण दास,माता रामबाई रामऋषि एवं माता केसरी देवी त्याग व त्पस्या की प्रतिमूर्ति थी,उनके बताये मार्ग पर चलना ही सच्ची श्रद्धाजंलि है। उनके द्वारा शुरू की गयी आश्रम की सेवा परंपरा का विस्तार करते हुए समाज को धर्म के प्रति जागरूक करना ही उनका उद्देश्य है। नगर विधायक मदन कौशिक ने कहा कि संत महापुरुषों के सानिध्य में जो भी भक्त आ जाता है उसका कल्याण अवश्य होता है,क्योंकि संत महापुरुष भगवान का दूसरा स्वरूप है। उन्होंने ब्रह्मलीन संतों को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी। स्वामी हरिहरानंद ने मंच का संचालन किया। इस दौरान स्वामी ऋषिश्वरानंद,महंत दुर्गादास,महंत नारायण दास,महंत विष्णु दास,महंत रघुवीर दास,महंत गोविंददास,महंत राघवेंद्र दास,महंत प्रह्लाद दास,महंत सूरज दास, महंत रामानंद सरस्वती,महंत सूर्यमोहन देव,महंत संपूर्णानंद,स्वामी केशवानंद,महंत गंगादास उदासीन,महंत शिवम महाराज,स्वामी ज्ञानानंद,महंत विनोद महाराज,महंत श्याम प्रकाश,नि.पार्षद अनिरुद्ध भाटी,राजकुमार,नवीन कुमार,सुनील कुमार,डा.संजय वर्मा आदि मौजूद रहे।
गरीब,जरूरतमंद की सेवा और मानव कल्याण सनातन धर्म का मूलमंत्र: श्रीमहंत रविन्द्रपरी
हरिद्वार। ब्रह्मलीन स्वामी लक्ष्मण दास,माता रामबाई रामऋषि एवं माता केसर देवी की पुण्यतिथि पर सभी अखाड़ों के संत महापुरुषों ने उनका भावपूर्ण स्मरण करते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रवणनाथ नगर स्थित रामनिवास आश्रम में आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी दिनेश दास के संयोजन में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह की अध्यक्षता करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि ब्रह्मलीन माता रामबाई रामऋषि,माता केसर देवी एवं स्वामी लक्ष्मण दास ने सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में अभूतपूर्व योगदान दिया। सभी को उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी ने कहा कि गरीब,जरूरतमंद की सेवा और मानव कल्याण सनातन धर्म का मूलमंत्र है। ब्रह्मलीन स्वामी लक्ष्मण दास,माता रामबाई रामऋषि एवं माता केसर देवी द्वारा शुरू की गयी सेवा परंपरा को स्वामी दिनेश दास निरंतर आगे बढ़ा रहे हैं। जो सभी के लिए प्रेरणादायी है। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर धर्म व अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर करना ही संत समाज का उद्देश्य है। संत समाज अपने इस दायित्व को निभाते हुए विभिन्न सेवा प्रकल्पों के माध्यम से मानव कल्याण में भी अपना योगदान कर रहा है। गो गंगा धाम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी निर्मल दास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन माता रामबाई रामऋषि,माता केसरी देवी एवं स्वामी लक्ष्मण दास त्याग एवं तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे। उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव सेवा का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। स्वामी दिनेश दास महाराज,स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी हरिहरानंद महाराज ने सभी संत महापुरूषों का फूल माला पहनाकर स्वागत करते हुए कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी लक्ष्मण दास,माता रामबाई रामऋषि एवं माता केसरी देवी त्याग व त्पस्या की प्रतिमूर्ति थी,उनके बताये मार्ग पर चलना ही सच्ची श्रद्धाजंलि है। उनके द्वारा शुरू की गयी आश्रम की सेवा परंपरा का विस्तार करते हुए समाज को धर्म के प्रति जागरूक करना ही उनका उद्देश्य है। नगर विधायक मदन कौशिक ने कहा कि संत महापुरुषों के सानिध्य में जो भी भक्त आ जाता है उसका कल्याण अवश्य होता है,क्योंकि संत महापुरुष भगवान का दूसरा स्वरूप है। उन्होंने ब्रह्मलीन संतों को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी। स्वामी हरिहरानंद ने मंच का संचालन किया। इस दौरान स्वामी ऋषिश्वरानंद,महंत दुर्गादास,महंत नारायण दास,महंत विष्णु दास,महंत रघुवीर दास,महंत गोविंददास,महंत राघवेंद्र दास,महंत प्रह्लाद दास,महंत सूरज दास, महंत रामानंद सरस्वती,महंत सूर्यमोहन देव,महंत संपूर्णानंद,स्वामी केशवानंद,महंत गंगादास उदासीन,महंत शिवम महाराज,स्वामी ज्ञानानंद,महंत विनोद महाराज,महंत श्याम प्रकाश,नि.पार्षद अनिरुद्ध भाटी,राजकुमार,नवीन कुमार,सुनील कुमार,डा.संजय वर्मा आदि मौजूद रहे।