गोवर्धन पूजा करने से जीवन के दुखों का होता है नाश-श्रीमहंत दुर्गादास

 


हरिद्वार।तीर्थनगरी की प्रख्यात धार्मिक संस्था श्रीमाता वैष्णव शक्ति भवन में अन्नकूट महोत्सव धूमधाम हर्षाेल्लास से मनाया गया। श्रीमाता वैष्णव शक्ति भवन के परमाध्यक्ष श्रीमहंत दुर्गादास महाराज के सानिध्य में संतो-महंतों ने भगवान श्रीकृष्ण,गौ माता,गोवर्धन की छप्पन भोग लगाकर विशेष पूजा अर्चना कर लोक कल्याण की कामना की। इस अवसर पर श्रीमहंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि सनातन हिन्दू संस्कृति में गोवर्धन पूजा का बड़ा धार्मिक महत्व है। गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण,गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा का विधान है। गोवर्धन पूजा के दिन लोग घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाकर गोवर्धन भगवान की पूजा करते हैं और परिक्रमा लगाते हैं। इस दिन भगवान को अन्नकूट का भोग लगाया जाता है,जिस वजह से गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। महंत दुर्गादास ने कहा कि गोकुलवासियों ने कृष्ण की बात मानकर अन्नकूट की पूजा प्रारंभ कर दी। इस बात से भगवान इंद्र अति क्रोधित हो गए और उन्होंने मूसलाधार बारिश करना शुरू कर दिया,जिससे गोकुल में कोहराम मच गया। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने भगवान इंद्र देव के प्रकोप से बचाने के लिए पूरे गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर गोकुलवासियों के प्राणों की रक्षा की। तभी से गोवर्धन पर्वत की पूजा की शुरुआत हुई। इस मौके पर श्रीमाता वैष्णव शक्ति भवन के संरक्षक श्रीमहंत विष्णु दास,महंत गुरुमल दास,महंत नारायण दास पटवारी,महंत सूरज दास,महंत प्रहलाद दास,वरिष्ठ चिकित्सक डा.शाह,समाजसेवी सूरज शर्मा,पुजारी विशाल,दिव्यांश,अमित,आशीष,प्रांजल,राज सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण गो माता और गोवर्धन भगवान की पूजा की।