शीघ्र ही मुख्यमंत्री से मिलकर संतों की हत्या की सीबाीआई जांच की मांग होगी
हरिद्वार। श्रीपंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के मुखिया महंत दुर्गादास महाराज ने सरकार से अखाड़े के लापता कोठारी महंत मोहनदास महाराज का पता लगाने की मांग की है। मुखिया महंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि कोठारी महंत मोहनदास महाराज पिछले कई वर्षो से लापता हैं। आजतक उनका कुछ पता नहीं लग सका है। यह भी पता नहीं है कि वे जीवित हैं या नहीं। केंद्र व राज्य सरकार को अपनी एजेंसियों से महंत मोहदनदास महाराज का पता लगाना चाहिए। पूरे मामले की नए सिरे से जांच होनी चाहिए। जांच से ही पता लग सकेगा कि महंत मोहनदास महाराज के लापता होने के पीछे क्या रहस्य है। अखाड़े में प्रैस को जारी बयान में मुखिया महंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि अखाड़ा परिषद के समक्ष भी इस मामले को उठाया जाएग। प्रयागराज कुंभ में भी संत समाज के विभिन्न मंचों पर इस मामले को रखा जाएग। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार और जांच एजेंसियां महंत मोहनदास का पता लगाने के लिए कदम नहीं उठाती हैं तो संत समाज आंदोलन करेगा। मुखिया महंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि मठ मंदिरों और धार्मिक संपत्तियों पर कब्जे के लिए संतों की हत्याएं की जा रही हैं। हरिद्वार के महंत सुधीर गिरी,स्वामी रंगाचार्य,स्वामी भीष्मानंद,स्वामी धर्मानन्द पीलीकोठे वाले,स्वामी प्रेमानंद भोलेबाबा स्वामी सुदर्शनानन्द गिरी,महंत गोविंददास सहित कई सतों की हत्या हो चुकी है। स्वामी प्रेमानंद भोलेबाबा की हत्या नासिक कुंभ मेले में जाते हुए कर दी गयी थी। अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता रहे महंत मोहनदास को लापता हुए भी वर्षो गुजर चुके हैं,उनका आज तक कोई पता नहीं लग पाया है। धार्मिक संपत्तियों पर कब्जे के लिए संतों की हत्या गंभीर व पूरे संत समाज के लिए चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि संतों की हत्या के सभी मामलों की सीबीआई जांच होनी चाहिए। मुखिया महंत दुर्गादास ने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद संत समाज की सर्वोच्च संस्था है। जल्द ही अखाड़ा परिषद अध्यक्ष व महामंत्री के नेतृत्व में संतों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री,केंद्रीय गृहमंत्री व राज्य के मुख्यमंत्री से मिलकर संतों की हत्या की सीबाीआई जांच की मांग करेगा। सीबीआई जांच से ही धार्मिक संपत्तियों पर कब्जा कर सनातन धर्म को क्षति पहुंचाए जाने के षड़यंत्र का पर्दाफाश होगा। सीबीआई जांच कर संतों की हत्या में शामिल सभी आरोपियों को चिन्हित कर उनके चेहर बेनकाब किए जाएं और कड़ी से कड़ी सजा दिलायी जाए। केंद्र एवं राज्य सरकार को भी संतों की हत्या के मामलों को गंभीरता से लेते हुए प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए।