हरिद्वार। श्रीश्याम वैकुंठ धाम श्यामपुर में भक्तों की भारी मांग के चलते श्रीबालाजी का दरबार गुरुदेव श्रीमहंत श्याम सुंदर दास महाराज के पावन सानिध्य में लगाया गया। इस दौरान श्रद्वालुओं ने संतो के आशीर्वचन के साथ-साथ भजन कीर्तन का आनन्द लिया। बालाजी के दरबार में अपने दुख दर्द कष्ट दूर हेतु अर्जी लगाई। गुरुदेव श्रीमहंत श्याम सुंदर दास के कर कमलों से बालाजी के सत श्रीचरणों की विभूति प्राप्त की। इस अवसर पर बोलते हुए आश्रम के श्रीमहंत श्यामसुंदर दास ने कहा जिस पर भगवान की कृपा हो और सतगुरु का आशीर्वाद प्राप्त हो,उसका सदैव मंगल होता है। कष्ट जीवन की गाड़ी के दो पहिये हैं अगर सुख आया है तो दुःख भी आयेगा,किंतु जिस पर भगवान बालाजी महाराज की कृपा हो,सतगुरु के आशीर्वाद की छत्रछाया सिर पर हो तो उसे दुःख ज्यादा सता नहीं सकता। कलयुग में कदम कदम पर धर्म कर्म होगा,भजन कीर्तन होगा सतयुग से ज्यादा ईश्वर का नाम लिया जाएगा। कदम कदम पर सत्य और असत्य के डेरे लगेंगे जो भगवान नारायण श्रीबालाजी महाराज की आराधना करेगा वह कलयुग के प्रभाव से मुक्त रहेगा। सतयुग में मनुष्य को कठोर तपस्या के बाद ईश्वर की प्राप्ति होती थी किंतु कलयुग में कुछ समय किये गये साधारण भजन कीर्तन से भी ईश्वर की कृपा की प्राप्ति होगी। जो भी श्रद्वालु सच्चे मन से कलयुग में भगवान श्रीहरि भगवान श्रीबालाजी,श्रीशनिदेव महाराज की आराधना करेगा उसके जीवन में सुख शांति समृद्धि और धन-धान्य की वर्षा होगी। इस पृथ्वी लोक पर गुरु ही ईश्वर के प्रतिनिधि हैं गुरु चरणों से होकर जाने वाला मार्ग ही भगवान श्री हरि के चरणों तक पहुंचता है जिस प्रकार राम-राम रटने महर्षि से महर्षि वाल्मीकि एक त्रिकालदर्शी संत बने। अगर आपकी आस्था सच्ची है तो आपको ईश्वर भक्ति का एक दिन फल अवश्य प्राप्त होगा। बालाजी दरबार में भारी संख्या में समस्याओं से पीड़ित श्रद्वालुओं ने हिस्सा लिया। बालाजी के श्रीचरणों से मिलने वाली निशुल्क विभूति प्राप्त कर अपने जीवन को गौरवान्वित किया।
भगवान की कृपा और सतगुरु का आशीर्वाद मिलने से भक्तों का मंगल होता है-श्री महंत श्याम सुंदर दास
हरिद्वार। श्रीश्याम वैकुंठ धाम श्यामपुर में भक्तों की भारी मांग के चलते श्रीबालाजी का दरबार गुरुदेव श्रीमहंत श्याम सुंदर दास महाराज के पावन सानिध्य में लगाया गया। इस दौरान श्रद्वालुओं ने संतो के आशीर्वचन के साथ-साथ भजन कीर्तन का आनन्द लिया। बालाजी के दरबार में अपने दुख दर्द कष्ट दूर हेतु अर्जी लगाई। गुरुदेव श्रीमहंत श्याम सुंदर दास के कर कमलों से बालाजी के सत श्रीचरणों की विभूति प्राप्त की। इस अवसर पर बोलते हुए आश्रम के श्रीमहंत श्यामसुंदर दास ने कहा जिस पर भगवान की कृपा हो और सतगुरु का आशीर्वाद प्राप्त हो,उसका सदैव मंगल होता है। कष्ट जीवन की गाड़ी के दो पहिये हैं अगर सुख आया है तो दुःख भी आयेगा,किंतु जिस पर भगवान बालाजी महाराज की कृपा हो,सतगुरु के आशीर्वाद की छत्रछाया सिर पर हो तो उसे दुःख ज्यादा सता नहीं सकता। कलयुग में कदम कदम पर धर्म कर्म होगा,भजन कीर्तन होगा सतयुग से ज्यादा ईश्वर का नाम लिया जाएगा। कदम कदम पर सत्य और असत्य के डेरे लगेंगे जो भगवान नारायण श्रीबालाजी महाराज की आराधना करेगा वह कलयुग के प्रभाव से मुक्त रहेगा। सतयुग में मनुष्य को कठोर तपस्या के बाद ईश्वर की प्राप्ति होती थी किंतु कलयुग में कुछ समय किये गये साधारण भजन कीर्तन से भी ईश्वर की कृपा की प्राप्ति होगी। जो भी श्रद्वालु सच्चे मन से कलयुग में भगवान श्रीहरि भगवान श्रीबालाजी,श्रीशनिदेव महाराज की आराधना करेगा उसके जीवन में सुख शांति समृद्धि और धन-धान्य की वर्षा होगी। इस पृथ्वी लोक पर गुरु ही ईश्वर के प्रतिनिधि हैं गुरु चरणों से होकर जाने वाला मार्ग ही भगवान श्री हरि के चरणों तक पहुंचता है जिस प्रकार राम-राम रटने महर्षि से महर्षि वाल्मीकि एक त्रिकालदर्शी संत बने। अगर आपकी आस्था सच्ची है तो आपको ईश्वर भक्ति का एक दिन फल अवश्य प्राप्त होगा। बालाजी दरबार में भारी संख्या में समस्याओं से पीड़ित श्रद्वालुओं ने हिस्सा लिया। बालाजी के श्रीचरणों से मिलने वाली निशुल्क विभूति प्राप्त कर अपने जीवन को गौरवान्वित किया।