शारदीय नवरात्रि की पूर्णाहूति पर स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण ने किया कन्या पूजन

 मातृ शक्ति की आराधना के साथ मातृ भूमि की भी आराधना करें-स्वामी रामदेव


हरिद्वार। कनखल स्थित दिव्य योग मंदिर परिसर में पतंजलि योगपीठ के परमाध्यक्ष स्वामी रामदेव एवं महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने गायत्री महायज्ञ के वैदिक अनुष्ठान के साथ शारदीय नवरात्रि पर कन्या पूजन कर सम्पूर्ण देशवासियों को नवरात्रि तथा विजयदशमी की शुभकामनाएं दी। 9दिनों तक चले वैदिक अनुष्ठान के समापन स्वामी रामदेव एवं आचार्य बालकृष्ण ने सभी कन्याओं के चरण धोकर उन्हें भोजन कराया और सभी से आर्शीवाद प्राप्त किया। इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने कहा कि भारत सनातन संस्कृति,ऋषि परम्परा,वेद परम्परा,राम और कृष्ण,माँ भवानी,आध्यशक्ति का देश है। देश में रोग,विकार,हिंसा,झूठ, बेइमानी, दुराचार,कदाचार,व्याभिचार,अशुचिता,असंतोष,नास्तिकता,अनैतिकता आदि अलग-अलग प्रकार की नकारात्मकताएँ समाप्त हों। अंधेरा व प्रमाद रूपी राक्षसों का वध हो। सभी के भीतर राम जैसी मर्यादा व चरित्र हो। माता भगवती से शक्ति पाकर सभी देशवासी भारत माता को परम वैभवशाली व परम शक्तिशाली बनाने में अपनी आहुति दें। मातृ शक्ति की आराधना के साथ मातृ भूमि की आराधना करें। देश में खाने-पीने की चीजों में थूक और मूत्र मिलने की घटनाओं पर स्वामी जी ने कहा कि मुस्लिम धर्मगुरुओं को मौन छोड़कर आगे आना चाहिए और इस विषय पर बोलना चाहिए। इस तरह की घटनाओं से इस्लाम व कुरान बदनाम होते हैं। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि नवरात्र व विजयदशमी का भारतीय संस्कृति, परम्परा और सनातन धर्म में विशेष स्थान है। उन्होंने कहा कि विजयदशमी पर हम अपने दुगुर्णों, बुराइयों,दुर्व्यस्नों व असुरत्व पर विजय प्राप्त करें। पवित्र नवरात्र व विजयदशमी भारत की समृद्धशाली परम्परा का हिस्सा है,इसको उद्दात्ता व वैज्ञानिकता के साथ बनाना हम सबका कर्त्तव्य है। इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ परिवार के सभी सम्मानित वरिष्ठजन,संन्यासी गण,कर्मचारीगण आदि उपस्थित रहे।