उज्जैन को आध्यात्मिक नगरी बनाने का लक्ष्य तय करें संत-समाज

 मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का निर्णय एतिहासिक: श्रीमहंत रविन्द्रपुरी


हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की घोषणा पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि कुंभ नगरी हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन मेला क्षेत्र में संत महापुरुषों को अब मेला भूमि पर मठ मंदिर आश्रम अखाड़े निर्माण के सहजता से अनुमति मिल जायेगी। मोहन यादव की यह घोषणा ऐतिहासिक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि महाकाल उज्जैन में संत समाज पक्के निर्माण मेला क्षेत्र में कर सकेगे। उज्जैन महाकाल बाबा की नगरी में कुंभ मेला भी लगता है। मुख्यमंत्री का यह निर्णय बहुत सुंदर है,मेला लैंड का सदुपयोग हो सकेगा। भक्तगण उज्जैन को आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विकसित करेंगे। महाकाल की नगरी उज्जैन दिव्य भाव अलौकिक नजर आएगी श्रीमहंत रवींद्रपुरी महाराज ने निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि अब जनहित के कार्यों में भी तेजी आएगी,स्कूल कॉलेज चिकित्सालय के निर्माण जनहित में हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि उज्जैन में आने वाले भक्तों को सुविधा प्राप्त होगी साथ ही रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हिंदू सम्राट हैं सनातन संस्कृति के संवर्धन में योगदान देते रहे हैं उनका यह निर्णय स्वागत योग्य है। श्रीमहंत रवींद्रपुरी ने उनकी दीर्घायु की मां मनसा देवी से कामना की है। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने संतों से भी अपील करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश सरकार का इस एतिहासिक फैसले में सहयोग प्रदान करें। उज्जैन नगरी विकसित होगी तो आध्यात्मिक नगरी के रूप में जानी पहचानी जायेगी। श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव संतों के हितेषी है, संतों के समर्थन में यह फैसला स्वागत योग्य है। अन्य राज्यों में भी आश्रम,अखाड़ों एवं मठ-मंदिरों के निर्माण में किसी भी प्रकार की दिक्कते नहीं आनी चाहिए।