पुण्यतिथि पर संत समाज ने दी ब्रह्मलीन स्वामी स्वतःप्रकाश को श्रद्धांजलि

 दिव्य संत थे ब्रह्मलीन स्वामी स्वतःप्रकाश-स्वामी सुरेश मुनि


हरिद्वार। ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी स्वतःप्रकाश महाराज की 39वीं पुण्यतिथि भूपतवाला स्थित स्वतः मुनि उदासीन आश्रम चैरीटेबल ट्रस्ट में समारोह पूर्वक मनायी गयी। आश्रम के महंत महामंडलेश्वर स्वामी सुरेश मुनि के संयोजन में आयोजित पुण्यतिथि समारोह में सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों ने ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी स्वतःप्रकाश महाराज को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। स्वामी सुरेश मुनि महाराज ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन स्वामी स्वतःप्रकाश महाराज दिव्य संत थे। वे भाग्यशाली हैं कि उन्हें गुरू के रूप में ब्रह्मलीन स्वामी स्वतःप्रकाश महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। पूज्य गुरूदेव द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए उनके अधूरे कार्यो को आगे बढ़ाना और आश्रम की सेवा संस्कृति का विस्तार करना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। महामंडले श्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि गुरू ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप हैं। स्वामी सुरेश मुनि महाराज की उनके गुरू ब्रह्मलीन स्वामी स्वतः प्रकाश महाराज के प्रति श्रद्धा सभी के लिए अनुकरणीय है। महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद,स्वामी परमात्मानंद,स्वामी कपिल मुनि व स्वामी रविदेव शास्त्री ने कहा कि संत समाज के प्रेरणास्रोत ब्रह्मलीन स्वामी स्वतःप्रकाश महाराज का सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। नीलमणि पाठक,स्वामी विनयानंद,स्वामी रामानंद,माखन लाल,सतपाल गोयल,विशाल गोयल व नितिन कुमार ने फूल माला पहनाकर सभी संत महापुरूषों का स्वागत किया। इस अवसर पर स्वामी कपिल मुनि, महंत दुर्गादास,स्वामी भगवत स्वरूप,महंत प्रेमदास,स्वामी शिवानन्द,स्वामी अनंतानंद,महंत राघवेंद्र दास,स्वामी दिनेश दास,महंत नारायण दास पटवारी,कथाव्यास महंत जगदीशदास,स्वामी ज्ञाना नंद,महंत निर्भय सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।