करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास को बढ़ाता है

 हरिद्वार। राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण समिति ट्रस्ट की राष्ट्रीय सचिव रेखा नेगी ने कहा कि हिन्दू धर्म में करवा चौथ का विशेष महत्व है। करवा चौथ एक ऐसा त्योहार है जो विवाहित महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। यह त्योहार पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए मनाया जाता है,माना जाता है कि इस व्रत को रखने से पति की उम्र लंबी होती है। करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास को बढ़ाता है,यह व्रत दोनों के बीच के बंधन को और मजबूत बनाता है। यह व्रत महिलाओं को सौभाग्य प्रदान करता है माना जाता है कि इस व्रत को रखने से महिलाएं सुखी और समृद्ध जीवन जीती हैं करवा चौथ भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा है और पीढ़ी दर पीढ़ी चला आ रहा है। यह त्योहार महिलाओं को एक साथ लाता है और उन्हें एक-दूसरे के साथ जुड़ने का मौका देता है इस पर्व को करने से पति के सारे संकट दूर हो जाते हैं और दीर्घायु होते हैं। करवा में कई सारी सामग्री भरी जाती है,जो कि पूरी तरह से शुद्ध और पवित्र होना जरूरी है क्योंकि मान्यता के अनुसार,करवा को करवा माता का प्रतीक माना जाता है और इसमें भरी जाने वाली सभी चीजें करवा माता को अर्पित की जाती हैं। इसमें मुख्य रूप से गेहूं भरा जाता है और इसे बेहद शुभ माना गया है। आज के समय में इसे ‘पति दिवस’भी कहा जाने लगा है। करवा चौथ के व्रत से सम्बंधित काफी कहानियाँ प्रचलित है और लोग अपनी श्रद्धा और रीति रिवाजों के अनुसार ख़ुशी और उत्साह से इस पर्व को मनाते हैं। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ-साथ भगवान गणेश और कार्तिकेय की भी पूजा अर्चना की जाती है और अपने पति और परिवार के लिए स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करते हैं।